‘दोस्त-दोस्त न रहा’ कहकर चटखारे ले रहे MVA के नेता, एकनाथ शिंदे के विज्ञापन ने बढ़ाई फडणवीस की मुश्किलें

14
‘दोस्त-दोस्त न रहा’ कहकर चटखारे ले रहे MVA के नेता, एकनाथ शिंदे के विज्ञापन ने बढ़ाई फडणवीस की मुश्किलें

‘दोस्त-दोस्त न रहा’ कहकर चटखारे ले रहे MVA के नेता, एकनाथ शिंदे के विज्ञापन ने बढ़ाई फडणवीस की मुश्किलें

मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ‘देश में मोदी, राज्य में शिंदे’ विज्ञापन और उसको लेकर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की नाराजगी पर महाराष्ट्र के विपक्षी नेता चटखारे ले रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने ‘दोस्त-दोस्त न रहा’ कहकर मामले का मखौल उड़ाया है। वहीं, एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने मजाक में कहा है कि बीजेपी को अब शिंदे को महाराष्ट्र का नेतृत्व सौंप देना चाहिए और शिंदे गुट जितनी सीटें मांग रहा है, उसे दे देनी चाहिए। लगभग सालभर बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है, जबकि शिंदे के विज्ञापन से फडणवीस की तस्वीर गायब है। नाना पटोले ने पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद मीडिया के सामने इस बात को रेखांकित किया कि विपक्ष की महाविकास अघाड़ी मजबूत है।

वहीं, अब शिंदे-फडणवीस सरकार में मतभेद उभरने लगे हैं। उन्होंने कहा, शिंदे ने यह विज्ञापन देकर इशारा किया है कि वही फडणवीस से ज्यादा लोकप्रिय हैं और अपने उप मुख्यमंत्री की दिक्कत बढ़ा दी है। फडणवीस पर अब ‘दोस्त-दोस्त न रहा’ कहते फिरने की स्थिति में आ गए हैं।

कहां गया ‘देश में नरेंद्र, राज्य में देवेंद्र’ नारा!
राज्य कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने उस सर्वेक्षण को ‘झूठा’ करार दिया है और कहा कि शिंदे अपने प्रचार के लिए जिसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव हो जाएं, तो महाविकास अघाड़ी निश्चित रूप से महाराष्ट्र में 42 से अधिक लोकसभा सीटें और 200 से अधिक विधानसभा सीटें जीतेगी। उनके (शिंदे) बारे में ऐसी कहानी लिखनी पड़ेगी कि ‘एक समय कोई शिंदे हुआ करते थे…।’ एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने दावा किया कि इस विज्ञापन से उन लोगों को दिल दुखा होगा, जिन्होंने पहले ‘देश में नरेंद्र, राज्य में देवेंद्र’ का नारा दिया था। जबकि, सचाई यह है कि बीजेपी नेताओं ने भारी मन से शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकारा था। उन्होंने कहा, ‘अब महाराष्ट्र में बीजेपी बनाम शिवसेना का नाटक शुरू हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से केजरीवाल, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को क्या-क्या मिला

वहीं, एनसीपी नेता महेश तापसे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे, फडणवीस का कद छोटा करने की कोशिश कर रहे हैं और विज्ञापन दिखाता है कि मुख्यमंत्री और बीजेपी के बीच सब ठीक नहीं है। शिवसेना (शिंदे) के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा, ‘हमने अपने पक्ष में सर्वे कराने के लिए किसी के साथ समझौता नहीं किया था। वह (शिंदे) जनता की पहुंच में हैं और राज्य के सभी क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।’

Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सामने आए संजय राउत, बोले- पहले ही कहा था ये सरकार असंवैधानिक

Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde: शिंदे-उद्धव की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, जानिए शिंदे सरकार बची या गई

विज्ञापन में शिंदे ने क्या कहा?
मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर सरकार ने एक सर्वे का विज्ञापन राज्य के स्थानीय अखबारों में दिया था। जिसमें यह दावा किया गया था कि जनता को राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार पर भरोसा है और वह उनकी पसंद भी हैं। अखबार में दिए गए विज्ञापन में सर्वे का जो आंकड़ा दिया गया था, वह चौंकाने वाला है। सर्वे के मुताबिक केंद्र में नरेंद्र मोदी और प्रदेश में एकनाथ शिंदे जनता को पसंद हैं। सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 30.02 प्रतिशत, शिंदे सेना को 16.2 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया है।

देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता हो रही कम! एकनाथ शिंदे बने फेवरेट… चौंका देगा महाराष्ट्र का यह सर्वे
राज्य की 46.4 प्रतिशत जनता की पसंद शिंदे-फडणवीस सरकार है। वहीं दोबारा सीएम बनाने के लिए एकनाथ शिंदे को 26.1 प्रतिशत और देवेंद्र फडणवीस को 23.2 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है। विज्ञापन में दावा किया गया है कि महाराष्ट्र में जनता ने फडणवीस से ज्यादा एकनाथ शिंदे किया है। इस विज्ञापन को लेकर राज्य का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News