ड्राइविंग टेस्ट में ऑटो चलाकर अब नहीं ले पाएंगे कार का लाइसेंस, कैटिगरी के अनुसार ही करना होगा आवेदन h3>
दरअसल, पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर अनिल छिकारा ने नियमों की खामी की तरफ गौर करते हुए एक इंटनरल मेमो जारी किया था। उन्हें पता चला था कि कुछ लोग ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर लिए जाने वाले कठिन ड्राइविंग टेस्ट को आसानी से पास करने के लिए टेस्ट देते वक्त कार के बजाय ऑटो चलाकर टेस्ट दे रहे हैं। चूंकि ऑटो और कैब/कार चलाने का लाइसेंस लेने के लिए एक ही कैटिगरी (एलएमवी) के तहत आवेदन करने का प्रावधान था, उसी का फायदा उठाकर कुछ लोग ऐसा कर रहे थे।
इस गंभीर चूक को देखते हुए उन्होंने इंटरनल आदेश जारी किया था कि ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक पर ऑटो चलाकर किसी को टेस्ट देने की छूट न दी जाए, क्योंकि ये ट्रैक केवल कारों और टूवीलर्स के हिसाब से डिजाइन की गई हैं। अगर किसी को ऑटो चलाने के लिए लाइसेंस लेना है, तो उसके लिए टेस्ट ट्रैक पर अलग से मार्किंग की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे व्यक्ति को केवल ऑटो चलाने का लाइसेंस ही मिले। वह एलएमवी का लाइसेंस लेकर कार न चला सके। इसी तरह अगर कोई एलएमवी कैटिगरी का लाइसेंस लेने के लिए ऑटो चलाकर टेस्ट देना चाहता है, तो उसे इसकी इजाजत न दी जाए। ऑटो चलाकर टेस्ट देने वाले सभी आवेदकों का रिकॉर्ड मेंटेन करने का निर्देश भी दिया गया था।
डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी किए गए इसी मेमो के बारे में जानकारी मिलने के बाद मामला परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों के भी संज्ञान में आया और उनके निर्देश पर अब इस संबंध में जरूरी सुधार किया गया है।