चुनावी साल में सरकारी अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना पर विवाद

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चुनावी साल में सरकारी अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना पर विवाद

चुनावी साल में सरकारी अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना पर विवाद

Annapurna Food Packet Yojana Rajasthan: राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेज योजना ( Annapurna Food Packet Yojana Rajasthan) विवादों में आ गई है। एक बार फिर सरकार के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (pratap singh khachariyawas) ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं। पूर्व में उन्होंने इसके क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठाए थे।

 

हाइलाइट्स

  • मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना को लेकर विवाद तेज
  • खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उठाए सवाल
  • चुनावी साल में सरकारी योजना पर विवाद से जनता को नहीं मिल रहा लाभ
Jaipur News In Hindi | जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अन्नपूर्णा योजना खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है। राजस्थान विधानसभा में खाद्य विभाग के 1000 करोड़ रुपए के बजट को सहकारिता विभाग में ट्रांसफर करने से खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कड़ी आपत्ति जताई है। मंत्री ने बाकायदा नोटशीट चला कर पूछा है कि बिना विधानसभा की अनुमति के एक विभाग का बजट दूसरे विभाग में कैसे ट्रांसफर कर दिया गया। खाचरियावास ने इसे नियम विरुद्ध बताया है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार अगर किसी विभाग का काम दूसरे विभाग को दिया जाता है तो ऐसा करने से पहले विधानसभा में प्रस्ताव पास कराना अनिवार्य है।

फूड पैकेट वितरण का काम अटका

मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का सरकार खूब प्रचार प्रसार कर रही है। महंगाई राहत कैंप में इस योजना के तहत 92 लाख से ज्यादा परिवारों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है लेकिन फूड पैकेट वितरण का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। सहकारिता विभाग की ओर से फूड पैकेट वितरण का काम कॉनफैड को दिया गया है लेकिन विवादों के चलते अभी तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में इस योजना के लाभार्थियों को कितना इंतजार करना पड़ेगा। यह कोई बताने को तैयार नहीं है। खाद्य विभाग के इस काम को सहकारिता विभाग को दिए जाने पर खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले को विधि विभाग को भेजने की सलाह दी है।
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बिना अनुमति के पॉश मशीनें खरीदे जाने पर भी उठाए सवाल

खाद्यमंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उनके विभाग की बिना अनुमति के पॉश मशीनों की खरीद करने पर भी ऐतराज जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि राशन वितरण के लिए दुकानदारों को पॉश मशीनें दी जाती है। खाद्य विभाग से बिना अनुमति लिए डीओआईटी की ओर से करोड़ों रुपए की पॉश मशीने खरीद कर ली गई। बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पिछले दिनों यह भी आरोप लगाया है कि डीओआईडी की ओर से चीनी मशीनें खरीदी गई। विदेशी मशीनें खरीदने से पहले केन्द्र सरकार की अधिकृत एजेंसी से अनुमति भी नहीं ली गई थी। इसमें करोड़ों रुपए के घोटाले के भी आरोप लगाए गए हैं। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़)
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