राज्य के 38 हजार विद्यालयों के बच्चे पढ़ेंगे स्मार्ट क्लास में h3>
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प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अब स्मार्ट होंगे। उनकी पढ़ाई स्मार्ट क्लास के माध्यम से होगी। राज्य सरकार ने सूबे के सभी मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट क्लास रूम बनाने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग इसको लेकर व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रहा है। अगले दो-तीन वर्षों में इस योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाने का निर्देश भी दिया है। इनमें जहां पहले से स्मार्ट क्लास में पढ़ाई हो रही है, वहां अतिरिक्त स्मार्ट क्लास स्थापित किये जाएंगे।
राज्य सरकार ने पिछले दिनों 2739 मध्य विद्यालयों को स्मार्ट बनाने और यहां दो-दो क्लास रुम को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। इनमें 2274 मध्य विद्यालयों में काम पूरा हो चुका है। इनमें कुछ स्थानों पर इसका सफल प्रयोग भी किया गया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने 465 मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने का निर्णय लिया और इसको लेकर काम प्रारंभ किया गया।
अब इस योजना को विस्तार देते हुए इसमें सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। लिहाजा इसका सीधा लाभ 28661 मध्य विद्यालयों और 9360 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मिलेगा। इस प्रकार 38 हजार से अधिक स्कूलों में बच्चे स्मार्ट क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरा कर सकेंगे।
क्यों लिया गया निर्णय
कुछ माह पहले तक स्मार्ट क्लास का उपयोग केवल प्राइवेट स्कूलों में ही होता रहा है। लेकिन, पिछले दिनों सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास शुरू करने का निर्णय लिया गया। कई स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू भी हो चुकी है। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास का प्रयोग बेहद सफल रहा है। डिजिटल पढ़ाई के कारण बच्चों को पढ़ने, विषयों को समझने-सीखने में सहजता रहती है। शिक्षकों को पढ़ाने में भी काफी सुविधा होती है। शिक्षक-बच्चों के बीच बेहतर संवाद की स्थिति होती है। नयी तकनीक होने के कारण बच्चों को पढ़ने में भी आनंद आता है। साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होने से बच्चों को उच्च स्तर की जानकारी मिलती है।
क्या है स्मार्ट क्लास
स्मार्ट क्लास में डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था होती है। इसके तहत विजुअलाइजर, इंटरैक्टिव व्हाइट बोर्ड, एम्पलीफायर, स्पीकर, पोडियम, माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जाता है। इससे क्लास की पढ़ाई का दृश्य ही बदल जाता है। बच्चों को यह लुभाता है। वे पाठ्य सामग्री को जल्द ग्रहण करते हैं। रोचक ढंग से पढ़ाई होने के कारण वे तनाव से भी बचते हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अब स्मार्ट होंगे। उनकी पढ़ाई स्मार्ट क्लास के माध्यम से होगी। राज्य सरकार ने सूबे के सभी मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट क्लास रूम बनाने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग इसको लेकर व्यापक कार्ययोजना तैयार कर रहा है। अगले दो-तीन वर्षों में इस योजना का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाने का निर्देश भी दिया है। इनमें जहां पहले से स्मार्ट क्लास में पढ़ाई हो रही है, वहां अतिरिक्त स्मार्ट क्लास स्थापित किये जाएंगे।
राज्य सरकार ने पिछले दिनों 2739 मध्य विद्यालयों को स्मार्ट बनाने और यहां दो-दो क्लास रुम को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। इनमें 2274 मध्य विद्यालयों में काम पूरा हो चुका है। इनमें कुछ स्थानों पर इसका सफल प्रयोग भी किया गया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने 465 मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने का निर्णय लिया और इसको लेकर काम प्रारंभ किया गया।
अब इस योजना को विस्तार देते हुए इसमें सभी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को शामिल किया गया है। लिहाजा इसका सीधा लाभ 28661 मध्य विद्यालयों और 9360 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मिलेगा। इस प्रकार 38 हजार से अधिक स्कूलों में बच्चे स्मार्ट क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरा कर सकेंगे।
क्यों लिया गया निर्णय
कुछ माह पहले तक स्मार्ट क्लास का उपयोग केवल प्राइवेट स्कूलों में ही होता रहा है। लेकिन, पिछले दिनों सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास शुरू करने का निर्णय लिया गया। कई स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू भी हो चुकी है। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास का प्रयोग बेहद सफल रहा है। डिजिटल पढ़ाई के कारण बच्चों को पढ़ने, विषयों को समझने-सीखने में सहजता रहती है। शिक्षकों को पढ़ाने में भी काफी सुविधा होती है। शिक्षक-बच्चों के बीच बेहतर संवाद की स्थिति होती है। नयी तकनीक होने के कारण बच्चों को पढ़ने में भी आनंद आता है। साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होने से बच्चों को उच्च स्तर की जानकारी मिलती है।
क्या है स्मार्ट क्लास
स्मार्ट क्लास में डिजिटल पढ़ाई की व्यवस्था होती है। इसके तहत विजुअलाइजर, इंटरैक्टिव व्हाइट बोर्ड, एम्पलीफायर, स्पीकर, पोडियम, माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जाता है। इससे क्लास की पढ़ाई का दृश्य ही बदल जाता है। बच्चों को यह लुभाता है। वे पाठ्य सामग्री को जल्द ग्रहण करते हैं। रोचक ढंग से पढ़ाई होने के कारण वे तनाव से भी बचते हैं।
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