डॉक्टर की प्रेक्टिस से ब्रेक लेकर पहले ही प्रयास में पूरा किया IAS का सपना

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डॉक्टर की प्रेक्टिस से ब्रेक लेकर पहले ही प्रयास में पूरा किया IAS का सपना

डॉक्टर की प्रेक्टिस से ब्रेक लेकर पहले ही प्रयास में पूरा किया IAS का सपना

IAS Mudita Sharma Success Story | नागौर : राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता कस्बे को मीरा नगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां कृष्ण भक्त मीरा का जन्म हुआ था। इसी मीरा नगरी का नाम अब डॉ. मुदिता शर्मा ने रोशन किया है। मेड़ता की बेटी डॉ. मुदिता शर्मा ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 के फाइनल परिणाम में चयन पाते हुए 381 वीं रैंक हासिल की है। डॉ. मुदिता फिलहाल दिल्ली में हैं। मुदिता पहले जयपुर में एक अस्पताल में बतौर डॉक्टर सेवाएं दे रही थीं। इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। सालभर वहां एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेंटर में कोचिंग की और बाद में दिल्ली में रहते हुए अध्ययन जारी रखा। आखिर डॉ. मुदिता का सपना पूरा हुआ और उनका चयन आईएएस में हो गया।

​बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी, 10वीं की मैरिट लिस्ट था नाम

डॉ. मुदिता शर्मा के पिता भगवती लाल शर्मा मेड़ता स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। साथ में वे श्रीचारभुजा नाथ मंदिर और मीराबाई मंदिर के पुजारी भी हैं। भगवती लाल शर्मा के चार लड़कियां और एक लड़का है। डॉ. मुदिता तीसरे नंबर की लड़की हैं। भगवती लाल शर्मा ने बताया कि मुदिता पढ़ाई में शुरू से ही काफी तेज थी। 10वीं की बोर्ड परीक्षा में मुदिता ने ऑल राजस्थान मेरिट में 15वां स्थान बनाया था। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद मुदिता ने जयपुर के एक निजी अस्पताल में कुछ महीनों के लिए प्रैक्टिस की। मुदिता का सपना बचपन से ही सिविल सेवा में जाने का था। ऐसे में डॉक्टरी की प्रेक्टिस को ब्रेक देते हुए वे सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली चली गई। दिल्ली में कोचिंग ली और आईएएस में चयनित होकर अपने सपने को पूरा कर लिया।

​घर में मिला पढाई का माहौल

​घर में मिला पढाई का माहौल

डॉ. मुदिता के पिता भगवती लाल शर्मा प्रिंसिपल हैं और मां पार्वती शर्मा गृहणी हैं। मुदिता की मां भले ही गृहणी हो लेकिन वे हिन्दी में एमए होने के साथ बीएड डिग्री होल्डर भी हैं। पार्वती देवी ने अपने बच्चों को शुरू से ही पढ़ाई के प्रति आकर्षित किया। अध्ययन के दौरान बच्चों के सामने आने वाले छोटे मोटे डाउट को पार्वती घर पर ही क्लियर कर देती थीं। लगातार अध्ययन करने वाले बच्चे अपने पिता से रोज सवाल पूछा करते थे। पढ़ाई के प्रति बच्चों की ललक देखकर भगवती लाल समझ गए थे कि उनके बच्चे बड़ा नाम करेंगे।

​भगवती लाल के पाचों बच्चे हैं होनहार

​भगवती लाल के पाचों बच्चे हैं होनहार

भगवती लाल की सबसे बड़ी बेटी है मधुबाला जो बीडीएस कर चुकी हैं। मधुबाला की शादी हो चुकी है और वे अपने पति के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं। दूसरी बेटी विद्या ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। विद्या शर्मा की भी शादी हो चुकी है और वे अपने पति (बैंक में असिस्टेंट मैनेजर) के साथ जयपुर में रहती हैं। तीसरी बेटी डॉ. मुदिता हैं जो एमबीबीएस के बाद अब आईएएस में चयनित हुई हैं। भगवती लाल शर्मा का एक बेटा है चंद्रशेखर, जो बीडीएस की पढ़ाई पूरी कर चुका है। अब पीजी की तैयारी कर रहा है। भगवती लाल की सबसे छोटी बेटी ऋतु हैं, जो कजाकिस्तान से एमबीबीएस कर रही हैं।

​बच्चों को खूब याद करती है ​दादी रामेश्वरी देवी

​बच्चों को खूब याद करती है ​दादी रामेश्वरी देवी

डॉ. मुदिता शर्मा की दादी 86 वर्षीय रामेश्वरी देवी अपने पोते-पोतियों को रोज याद करती हैं। चारों पोतियों में से दो की शादी होने के बाद वे ससुराल चली गई और दो पोतियां पढाई के सिलसिले से घर से दूर हैं। ऐसे में वे रोज अपने बेटे भगवती लाल से कहती हैं कि उन्हें बच्चियों की खूब याद आती है। डॉ. मुदिता की मां पार्वती शर्मा अपने मोबाइल से अमूमन रोज ही रामेश्वरी देवी की बात अपनी बेटियों से करवाती हैं। डॉ. मुदिता का आईएएस में चयन होने के बाद भगवती लाल शर्मा के घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़)

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