सात वर्षों से वर्ग नौ व 10 की पढ़ाई के लिए नहीं मिल रहे शिक्षक h3>
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खोदावंदपुर, निज संवाददाता। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत में माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था के लिए उच्च विद्यालय बनाया जा रहा है। स्कूलों को अपना भवन, उपस्कर, कम्प्यूटर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला हो, इसके लिए अच्छी खासी राशि खर्च की जा रही है। परन्तु, इन सारी सुविधाओं के बावजूद स्कूलों में शिक्षक नहीं रहने से सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना धरातल पर कारगर साबित होती नहीं नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला बरियारपुर पूर्वी पंचायत के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मसुराज का है जहां पिछले सात वर्षों से वर्ग नौ व 10 के शिक्षकों के पदस्थापन के बिना ही पठन-पाठन कार्य हो रहा है।
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार बरियारपुर पूर्वी पंचायत में माध्यमिक शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण वर्ष 2016 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज को अपग्रेड कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया। शिक्षा विभाग ने तत्काल इस नए शिक्षण संस्थान में नवम एवं दशम वर्ग की पढ़ाई की स्वीकृति प्रदान कर दिया। स्थानीय लोगों के सौजन्य से इस शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध करवा दी गई। इस जमीन पर लगभग सवा करोड़ रुपए की लागत से भव्य भवन बन गया। इस शिक्षण संस्थान में उपस्कर की व्यवस्था भी विभाग के द्वारा करवा दी गई। तत्काल रूप से उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज के प्रधानाध्यापक को इस संस्थान का प्रभारी बना दिया गया। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज से अष्टम वर्ग पास करने वाले छात्र छात्राओं का नामांकन इस शिक्षण संस्थान के नवम वर्ग में किया गया। फिर अगले वर्ष इन्हीं छात्र छात्राओं को नवम वर्ग से उत्तीर्ण कर दशम वर्ग में नामांकित किया गया। यह सिलसिला लगातार चल रहा है। परन्तु, बिना शिक्षक व बिना पढ़ाई के ही इस स्कूल के बच्चे अगली क्लास में जा रहे हैं। विगत सात वर्षों से इस शिक्षण संस्थान में एक भी शिक्षक का पदस्थापन नहीं किया गया है जिससे अभिभावकों में असंतोष व्याप्त है।
कहते हैं स्कूल के प्रभारी
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मसुराज के प्रभारी प्रधानाध्यपक शिवशंकर कुमार ने बताया कि एक भी शिक्षक नहीं रहने से नवम एवं दशम वर्ग में ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज के शिक्षक के द्वारा ही नवम एवं दशम वर्ग की कक्षा का संचालन किया जा रहा है। इससे विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के पदस्थापन के लिए उनके स्तर से कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है परन्तु यह मांग अब तक ठंढे बस्ते में पड़ी है।
विधायक से भी की गई फरियाद
बरियारपुर पूर्वी, मसुराज, योगीडीह, सिरसी आदि गांवों के अभिभावकों ने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पदस्थापन की मांग स्थानीय विधायक राज बंसी महतो से भी की गई है। परन्तु, अब तक यह फरियाद अनसुनी है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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खोदावंदपुर, निज संवाददाता। सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत में माध्यमिक शिक्षा की व्यवस्था के लिए उच्च विद्यालय बनाया जा रहा है। स्कूलों को अपना भवन, उपस्कर, कम्प्यूटर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला हो, इसके लिए अच्छी खासी राशि खर्च की जा रही है। परन्तु, इन सारी सुविधाओं के बावजूद स्कूलों में शिक्षक नहीं रहने से सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना धरातल पर कारगर साबित होती नहीं नजर आ रही है। कुछ ऐसा ही मामला बरियारपुर पूर्वी पंचायत के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मसुराज का है जहां पिछले सात वर्षों से वर्ग नौ व 10 के शिक्षकों के पदस्थापन के बिना ही पठन-पाठन कार्य हो रहा है।
क्या है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार बरियारपुर पूर्वी पंचायत में माध्यमिक शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण वर्ष 2016 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज को अपग्रेड कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया। शिक्षा विभाग ने तत्काल इस नए शिक्षण संस्थान में नवम एवं दशम वर्ग की पढ़ाई की स्वीकृति प्रदान कर दिया। स्थानीय लोगों के सौजन्य से इस शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध करवा दी गई। इस जमीन पर लगभग सवा करोड़ रुपए की लागत से भव्य भवन बन गया। इस शिक्षण संस्थान में उपस्कर की व्यवस्था भी विभाग के द्वारा करवा दी गई। तत्काल रूप से उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज के प्रधानाध्यापक को इस संस्थान का प्रभारी बना दिया गया। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज से अष्टम वर्ग पास करने वाले छात्र छात्राओं का नामांकन इस शिक्षण संस्थान के नवम वर्ग में किया गया। फिर अगले वर्ष इन्हीं छात्र छात्राओं को नवम वर्ग से उत्तीर्ण कर दशम वर्ग में नामांकित किया गया। यह सिलसिला लगातार चल रहा है। परन्तु, बिना शिक्षक व बिना पढ़ाई के ही इस स्कूल के बच्चे अगली क्लास में जा रहे हैं। विगत सात वर्षों से इस शिक्षण संस्थान में एक भी शिक्षक का पदस्थापन नहीं किया गया है जिससे अभिभावकों में असंतोष व्याप्त है।
कहते हैं स्कूल के प्रभारी
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मसुराज के प्रभारी प्रधानाध्यपक शिवशंकर कुमार ने बताया कि एक भी शिक्षक नहीं रहने से नवम एवं दशम वर्ग में ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मसुराज के शिक्षक के द्वारा ही नवम एवं दशम वर्ग की कक्षा का संचालन किया जा रहा है। इससे विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के पदस्थापन के लिए उनके स्तर से कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है परन्तु यह मांग अब तक ठंढे बस्ते में पड़ी है।
विधायक से भी की गई फरियाद
बरियारपुर पूर्वी, मसुराज, योगीडीह, सिरसी आदि गांवों के अभिभावकों ने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पदस्थापन की मांग स्थानीय विधायक राज बंसी महतो से भी की गई है। परन्तु, अब तक यह फरियाद अनसुनी है।
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