सचिन की एक सलाह से कैसे बदल गई थी मिताली राज का करियर, बताया पहली मुलाकात का किस्सा h3>
नई दिल्ली:दो दशक से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शीर्ष स्तर पर खेलने वाले सचिन तेंदुलकर और मिताली राज उत्कृष्टता और लंबे कैरियर की मिसाल बन गए हैं। तेंदुलकर ने लोगों को क्रिकेट से प्यार करना सिखाया तो मिताली महिला क्रिकेट की पहली सुपरस्टार हैं। हालांकि ऐसे महान खिलाड़ियों के कैरियर में भी उतार चढाव आते रहे हैं। तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन से पहले मिताली ने उनसे पहली बार बातचीत, अपनी बल्लेबाजी पर उनके प्रभाव और उनसे मिली सलाह से खेल में सुधार के अनुभव को साझा किया।मिताली ने कहा, ‘मुझे अभी भी याद है जब 2017 में इंग्लैंड में विश्व कप से पहले मैने उनसे बात की थी। मैं उनसे पूछना चाहती थी कि उनका कैरियर इतना लंबा कैसे रहा है और युवा पीढ़ी के नए गेंदबाजों का सामना करने के लिए वह क्या करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जब आपका करियर लंबा होता है तो हर पीढ़ी में बेहतरीन गेंदबाज आते हैं। मैं जानना चाहती थी कि उन्होंने इससे तालमेल कैसे बिठाया। उम्र के साथ लोग बात करने लगते हैं कि आपका फुटवर्क धीमा हो गया है और आप गेंद को तेजी से भांप नहीं पाते।’
उन्होंने कहा, ‘मैं जानना चाहती थी कि वह इन चीजों से कैसे निपटते हैं। उन्होंने सुझाव दिए जिन पर मैने अमल किया।’ मिताली ने 2017 विश्व कप में 409 रन बनाए और उनकी कप्तानी में भारत फाइनल तक पहुंचा। मिताली ने बताया कि उन्होंने सचिन से तकनीक के बारे में नहीं बल्कि खेल के मानसिक पहलू पर बात की थी।
उन्होंने कहा, ‘हमने तकनीक के बारे में ज्यादा बात नहीं की क्योंकि सभी की तकनीक अलग होती है । इतने लंबे समय तक खेलने के कारण आप सीनियर होने के नाते जो सलाह दे सकते हैं, वह उन्होंने दी । उस समय मुझसे अपेक्षायें काफी अधिक थी । बतौर बल्लेबाज और बतौर कप्तान भी।’
मिताली की सचिन से पहली मुलाकात 2002 में हुई थी जब उन्होंने महिला टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड बनाया था। मिताली ने कहा, ‘2002 में कैस्ट्रोल पुरस्कारों में मुझे सम्मानित किया गया। तेंदुलकर मुझसे मेरी तैयारियों और सुविधाओं के बारे में जानना चाहते थे। उस समय हम बीसीसीआई की छत्रछाया में नहीं थे। वह जानना चाहते थे कि मैं टर्फ विकेट पर ज्यादा खेलती हूं या मैट विकेट पर।’
उन्होंने कहा, ‘जब आपका करियर लंबा होता है तो हर पीढ़ी में बेहतरीन गेंदबाज आते हैं। मैं जानना चाहती थी कि उन्होंने इससे तालमेल कैसे बिठाया। उम्र के साथ लोग बात करने लगते हैं कि आपका फुटवर्क धीमा हो गया है और आप गेंद को तेजी से भांप नहीं पाते।’
उन्होंने कहा, ‘मैं जानना चाहती थी कि वह इन चीजों से कैसे निपटते हैं। उन्होंने सुझाव दिए जिन पर मैने अमल किया।’ मिताली ने 2017 विश्व कप में 409 रन बनाए और उनकी कप्तानी में भारत फाइनल तक पहुंचा। मिताली ने बताया कि उन्होंने सचिन से तकनीक के बारे में नहीं बल्कि खेल के मानसिक पहलू पर बात की थी।
उन्होंने कहा, ‘हमने तकनीक के बारे में ज्यादा बात नहीं की क्योंकि सभी की तकनीक अलग होती है । इतने लंबे समय तक खेलने के कारण आप सीनियर होने के नाते जो सलाह दे सकते हैं, वह उन्होंने दी । उस समय मुझसे अपेक्षायें काफी अधिक थी । बतौर बल्लेबाज और बतौर कप्तान भी।’
मिताली की सचिन से पहली मुलाकात 2002 में हुई थी जब उन्होंने महिला टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड बनाया था। मिताली ने कहा, ‘2002 में कैस्ट्रोल पुरस्कारों में मुझे सम्मानित किया गया। तेंदुलकर मुझसे मेरी तैयारियों और सुविधाओं के बारे में जानना चाहते थे। उस समय हम बीसीसीआई की छत्रछाया में नहीं थे। वह जानना चाहते थे कि मैं टर्फ विकेट पर ज्यादा खेलती हूं या मैट विकेट पर।’