मां का दूध पीया है तो पायलट के खिलाफ कार्रवाई करके बताएं', कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ ये क्या बोल गए गहलोत के मंत्री h3>
जयपुर/ झुन्झुनूं :कांग्रेस विधायक और सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने कांग्रेस आलाकमान को खुली चेतावनी दे दी है। झुंझुनूं के खेतड़ी में आयोजित सभा के दौरान गुढ़ा ने कहा कि मैं चैलेंज देना चाहता हूं, मां का दूध पीया है तो सचिन पायलट के खिलाफ अनुसशासन की कार्रवाई करके बताएं। छठी का दूध याद आ जाएगा। गुढ़ा ने कहा कि लोग उन्हें कहते हैं कि मुख्यमंत्री तुम्हें जेल भेज देंगे। वे आगे बोले कि जेल का लाइसेंस रिन्यू कराने का टाइम आ गया है। राजस्थान की 36 कौम और सभी जाति के नौजवान सचिन पायलट के साथ खड़े हैं। जरूरत पड़ेगी, जी जान देने को तैयार हैं।
नकारा, निकम्मा और गद्दार की भाषा नहीं सुनना चाहते – गुढ़ा
झुंझुनूं जिले के खेतड़ी स्थित टीबा गांव में सोमवार को सचिन पायलट एक शहीद की मूर्ति का अनावरण करने गए थे। इस दौरान आयोजित सभा के दौरान मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। हजारों की तादाद में भीड़ भी उपस्थित थी। उस दौरान सभा को संबोधित करते हुए राजेन्द्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे 63 साल के थे, तब सरकार नहीं बना पाए। 100 से 21 बना दिए गए थे। अब हमारे मुख्यमंत्री 73 साल के हो गए हैं।
राजस्थान की जनता अब नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसी भाषा सुनना नहीं चाहती। हमारे धैर्य की परीक्षा ना ली जाए। ये नौजवान बर्दाश्त करने वाला नहीं है। गुढ़ा ने कहा कि उनके खिलाफ तो पहले भी झूठे मुकदमें दर्ज किए। वे अनुशासनहीनता की कार्रवाई से डरने वाले नहीं है। कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार खड़े मिलेंगे।
सचिन का चेहरा आगे होगा तभी रिपीट होगी सरकार – सोलंकी
सचिन पायलट के कट्टर समर्थक कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी जनसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का चेहरा आगे नहीं किया तो कांग्रेस की सरकार आना मुश्किल है। जिन नेताओं ने हमें यहां तक पहुंचाया, उनकी शहादत नहीं होने देंगे। सोलंकी ने कहा कि यह सचिन पायलट की ही ताकत थी और यही पायलट का चेहरा था जिसकी वजह से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। आने वाले समय में भी यदि सचिन पायलट का चेहरा आगे रहा, तभी सरकार रिपीट करेगी।
वीरांगनाओं की नौकरी के प्रपोजल सरकार खारिज कर देती है – सोलंकी
वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि मंत्रियों के पावर आज भी मुख्यमंत्री के पास है। मंत्री चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। यही कारण है कि वीरांगनाएं आज भी नौकरी के लिए तड़प रही है। शेखावाटी के लोग बार बार शहादत देते आए हैं। देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देते रहे हैं लेकिन जब वीरांगनाओं को सरकारी नौकरी देने की बात आती है तो सरकार प्रपोजल खारिज कर देती है। अब सरकार से लड़ाई हमें लड़नी होगी। जो देश के लिए शहीद होते हैं, उनकी इज्जत हमें करनी होगी।(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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नकारा, निकम्मा और गद्दार की भाषा नहीं सुनना चाहते – गुढ़ा
झुंझुनूं जिले के खेतड़ी स्थित टीबा गांव में सोमवार को सचिन पायलट एक शहीद की मूर्ति का अनावरण करने गए थे। इस दौरान आयोजित सभा के दौरान मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। हजारों की तादाद में भीड़ भी उपस्थित थी। उस दौरान सभा को संबोधित करते हुए राजेन्द्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे 63 साल के थे, तब सरकार नहीं बना पाए। 100 से 21 बना दिए गए थे। अब हमारे मुख्यमंत्री 73 साल के हो गए हैं।
राजस्थान की जनता अब नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसी भाषा सुनना नहीं चाहती। हमारे धैर्य की परीक्षा ना ली जाए। ये नौजवान बर्दाश्त करने वाला नहीं है। गुढ़ा ने कहा कि उनके खिलाफ तो पहले भी झूठे मुकदमें दर्ज किए। वे अनुशासनहीनता की कार्रवाई से डरने वाले नहीं है। कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार खड़े मिलेंगे।
सचिन का चेहरा आगे होगा तभी रिपीट होगी सरकार – सोलंकी
सचिन पायलट के कट्टर समर्थक कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी जनसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का चेहरा आगे नहीं किया तो कांग्रेस की सरकार आना मुश्किल है। जिन नेताओं ने हमें यहां तक पहुंचाया, उनकी शहादत नहीं होने देंगे। सोलंकी ने कहा कि यह सचिन पायलट की ही ताकत थी और यही पायलट का चेहरा था जिसकी वजह से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। आने वाले समय में भी यदि सचिन पायलट का चेहरा आगे रहा, तभी सरकार रिपीट करेगी।
वीरांगनाओं की नौकरी के प्रपोजल सरकार खारिज कर देती है – सोलंकी
वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि मंत्रियों के पावर आज भी मुख्यमंत्री के पास है। मंत्री चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। यही कारण है कि वीरांगनाएं आज भी नौकरी के लिए तड़प रही है। शेखावाटी के लोग बार बार शहादत देते आए हैं। देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देते रहे हैं लेकिन जब वीरांगनाओं को सरकारी नौकरी देने की बात आती है तो सरकार प्रपोजल खारिज कर देती है। अब सरकार से लड़ाई हमें लड़नी होगी। जो देश के लिए शहीद होते हैं, उनकी इज्जत हमें करनी होगी।(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)