यहां तो कभी कोई जंग नहीं हुई, फिर दिल्ली के इस इलाके को क्यों कहते हैं जंगपुरा

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यहां तो कभी कोई जंग नहीं हुई, फिर दिल्ली के इस इलाके को क्यों कहते हैं जंगपुरा

यहां तो कभी कोई जंग नहीं हुई, फिर दिल्ली के इस इलाके को क्यों कहते हैं जंगपुरा

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कई जगहें काफी मशहूर हैं। हर साल कई लोग दिल्ली घूमने के लिए आते हैं। जिस तरह कुतुबमीनार, लालकिला और इंडिया गेट जैसी जगहें अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं, वहीं राजधानी के कुछ इलाके अपने अजीबोगरीब नाम के लिए भी जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक इलाका है दिल्ली की ‘जंगपुरा’। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो कभी न कभी इस इलाके में जरूर गए होंगे। लेकिन कभी सोचा है कि आखिर इस इलाके को जंगपुरा क्यों कहते हैं। अगर आप ये सोचते हैं कि इस इलाके में कभी कोई युद्ध या जंग हुई होगी, तो आप गलत हैं। जंगपुरा के नाम के पीछे बेहद रोचक कहानी है। आइए बताते हैं।

कैसे नाम पड़ गया जंगपुरा?

आपको पता होगा कि दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और कर्तव्यपथ जैसी कई इमारतें रायसीना हिल्स पर बनाई गई हैं। इस इलाके में पहले कई गांव बसा करते थे। ब्रिटिश सरकार ने इन गांवों को खाली कराने और नई जगह बसाने का फैसला लिया। अंग्रेजों ने ये जिम्मेदारी दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर मिस्टर यंग को दी गई। यंग ने इन गांवों को खाली कराकर दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया। जिस जगह पर इन गावों को शिफ्ट कराया गया इस ‘यंगपुरा’ कहा जाने लगा। बाद में बोलचाल की भाषा में इस इलाके को जंगपुरा कहने लगे।

इलाके में कई धार्मिक स्थल और मंदिर हैं

इलाके में कई धार्मिक स्थल और मंदिर हैं

अब ये इलाका दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली में आता है। ये मथुरा रोड के दोनों और जंगपुरा ए और जंगपुरा बी के क्षेत्र में फैला हुआ है। जंगपुरा दिल्ली विधानसभा क्षेत्र है। आजादी के बाद इस इलाके में कई कलाकार रहने लगे, जिसके बाद ये प्रसिद्ध कलाकारों की बस्ती बन गई। इस इलाके में कई धार्मिक पूजा स्थल हैं, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इनमें भगवान शिव मंदिर, गुरुद्वारा सिंह सभा, सनातन धर्म मंदिर, सनातन दा डेरा गुरुद्वारा और भोगल बौद्ध विहार शामिल हैं।

विभाजन के बाद आए कई प्रवासी यहां बस गए

विभाजन के बाद आए कई प्रवासी यहां बस गए

जंगपुरा इलाका लाजपत नगर के पास है। 1950-51 में इस इलाके का विस्तार होना शुरू हुआ और जंगपुरा एक्सटेंशन बन गया। यहां भारत विभाजन के बाद दिल्ली पहुंचे कई प्रवासी बस गए। जंगपुरा एक्सटेंशन में बड़ी मात्रा में पंजाबी और सिख आबादी रहती है। इनमें रावलपिंडी जिले के गांवों के लोग शामिल हैं, जिनमें थोआ खालसा भी शामिल है। इसके अलावा यहां थमाली और मटोर नारा गांव से आए प्रवासी भी बस गए। जंगपुरा एक्सटेंशन में कई खूबसूरत पार्क हैं।

कैसे पहुंचे जंगपुरा?

कैसे पहुंचे जंगपुरा?

अगर आप जंगपुरा जाना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका दिल्ली मेट्रो है। जंगपुरा स्टेशन दिल्ली मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर है। ये स्टेशन लाजपत नगर और प्रगति विहार के बीच है। जंगपुरा जाने के लिए आप डीटीसी की बसों या फिर ऑटो-कैब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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