Barmer Rape Case : दलित महिला की मौत से गर्माई राजस्थान की राजनीति, कांग्रेस पर बीजेपी ने लगाए ये गंभीर आरोप
सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया है कि एसिड से जलाने के बाद झुलसी महिला को जिस अस्पताल में ले जाया गया। उस अस्पताल में बर्न वार्ड ही नहीं है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि अगर समय रहते झुलसी महिला को बड़े अस्पताल में भिजवाया होता और पर्याप्त इलाज दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। इलाज के अभाव में महिला की मौत होना सरकार की लचर व्यवस्था को प्रदर्शित करता है।
घटना गहलोत सरकार पर कलंक – सीपी जोशी
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि दलित महिला के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म करना और फिर एसिड डालकर जला देने की घटना मानवता को झकझोर देने वाली घटना है। इस मामले में सरकार ने बड़ी लापरवाही बरती है। अगर झुलसी महिला को समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। सीपी जोशी ने कहा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि बालोतरा के जिस अस्पताल में झुलसी महिला को ले जाया गया, वहां ब्लड युनिट ही नहीं थी। प्रशासन को तत्काल प्रभाव से जोधपुर रैफर करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जोशी ने पीड़ित परिवार के आर्थिक मुआवजे और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
यह घटना जंगलराज का जीता जागता उदाहरण – राजेन्द्र राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि बाड़मेर के बालोतरा में दलित महिला को जिन्दा जलाने की जो घटना हुई है। वह राज्य सरकार के माथे पर कलंक है। यह गहलोत सरकार के जंगलराज का जीता जागता उदाहरण है। राज्य सरकार तो तत्काल प्रभाव से आरोपी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि दी जानी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि झुलसी महिला 24 घंटे तक मौत से जूझती रही लेकिन 24 घंटे तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। अनिवार्य एफआईआर का दंभ भरने वाली सरकार का असली चेहरा सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद आमजन में जितना आक्रोश आरोपी के खिलाफ है उतना ही आक्रोश पुलिस प्रशासन के खिलाफ है क्योंकि अस्पताल में कई पुलिसकर्मी पीड़िता के परिजनों से उलझते रहे। इस संवेदनशील मामले में पुलिस ने भारी कोताही बरती है।
मातृशक्ति की रक्षा के लिए बड़ी चुनौती है यह घटना – सतीश पूनिया
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि दलित महिला के साथ पहले दुष्कर्म और फिर एडिस डालकर जलाने की यह घटना मातृशक्ति की रक्षा के लिहाज से बड़ी चुनौती खड़ी करने वाली घटना है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के गृहमंत्री भी हैं। इसके बावजूद प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। इस घटना से राजस्थान की शांति और सद्भावना पर ग्रहण लगा दिया है। यह कमजोर पुलिसिंग का नतीजा है। प्रदेश में रोजाना 17 महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हो रही है और 7 हत्याएं हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार का इकबाल खत्म हो गया है और मुख्यमंत्री संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को लांघ चुके हैं। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़