Udaipur News: झीलों की नगरी में धारा 144, ध्वज-पताका पर लगी रोक, पढ़ें उदयपुर में हुआ क्या है, कौन नेता क्या कह रहा है?
पहले कलेक्टर के आदेश जारी करने की वजह को समझें
पिछले दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री उदयपुर के कुंभलगढ आए थे। इस दौरान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने मंच से आह्वान किया था कि यहां जो हरे झंडे दिख रहे हैं, इनके स्थान पर भगवा झंडे दिखने चाहिए। धीरेन्द्र शास्त्री के इस आह्वान को धार्मिक भावनाएं भड़काने संबंधित मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। सामप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की संभावनाओं को देखते हुए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने आगामी दो महीने तक के लिए धारा 144 लगा दी। आदेशों के मुताबिक सरकारी भवनों, पार्कों, चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के धार्मिक झंडे लगाने पर पाबंदी लगा दी गई।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने जारी किया बयान, स्थानीय नेताओं ने उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी।
जैसे ही जिला कलेक्टर ने धारा 144 लगाई तो बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। बीजेपी के जिला अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली ने इस आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए उग्र आन्दोलन की चेतावनी दे डाली। श्रीमाली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्य सरकार हिन्दु त्योहारों को बाधित करने के लिए हर बार त्योहार से पहले धारा 144 लगा देती है। ऐसा करके राज्य सरकार हिन्दुओं पर कुठाराघात करती है। बाद में बीजेपी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।
पढिए कैसे आरोप लगाए बीजेपी के नेताओं ने?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिन्दुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है। ये लोग भगवा ध्वज के विरोधी हैं। अब धार्मिक ध्वज लगाने से पहले प्रशासन की अनुमति लेनी होगी, इस क्रॉनोलॉजी को समझने की जरूरत है। शेखावत ने कहा कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की धर्मसभा के बाद धारा 144 लागू की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि विशेष तौर ये आदेश भगवा ध्वजों के लिए है। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मेवाड़ के महाराणा प्रताप ने भगवा पताका लेकर मुगलों को परास्त किया था। महाराणा प्रताप ने कभी समझौता नहीं किया बल्कि संघर्ष किया। उस भगवा ध्वज को लगाने के लिए उदयपुर में प्रतिबंधित का फैसला करना पूरी तरह गलत है। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक बार फिर तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। गहलोत सरकार का तुष्टीकरण का चेहरा एक बार फिर सबके सामने आ गया है।
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने ऐसे किया पलटवार
कांग्रेस नेता प्रतापसिंह खाचरियावास
बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार सियासी हमला करने पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार किया है। खाचरियावास ने कहा कि धारा 144 लागू करना जिला कलेक्टर का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के पेट में दर्ज इसलिए हो रहा है कि पिछली बार की तरह वे रामनवमी के दिन दंगा कराने में कामयाब नहीं हो पाए। प्रदेश में हनुमान जयंति भी सामप्रदायिक सौहार्द के साथ मना ली गई। दंगे करने की प्लानिंग में फेल होने पर बीजेपी के नेता इस तरह के अनर्गल बयान दे रहे हैं। खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी मेवाड़ की धरती पर माहौल बिगाड़ना चाहती है, जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की ड्यूटी है। जो भी व्यक्ति धर्म, जाति के आधार पर कानून हाथ में लेगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
उदयपुर में भगवा ध्वज फहराने पर रोक, बीजेपी ने कहा पताका यहां नहीं तो क्या तालिबान में लगेगी क्या?