कांशीराम ने Mukhtar Ansari को नहीं दिया टिकट और गाजीपुर में BSP प्रत्याशी की हत्या… BJP MP बृजलाल ने सुनाया किस्सा
मुख्तार को माफिया बनाने में 25 प्रतिशत योगदान बसपा का भी- बृजलाल
सांसद बृजलाल ने कहा कि ये नारा 1993 में दिया गया था। उस समय सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ी थीं। दोनों ने मिलकर सरकार बनाई। फिर माननीय मुलायम सिंह जी ने 2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड कर दिया। बचाने वाले कौन थे- माननीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी और बीजेपी के लोग। उन्होंने मायावती जी को मुख्यमंत्री बनाया था। बृजलाल ने आगे कहा कि इसके अलावा एक चीज और जोड़ना चाहता हूं। 1993 में जब चुनाव हुआ तो टिकट के कई दावेदार थे, मुख्तार अंसारी भी टिकट चाहता था। मुख्तार अंसारी के साढ़ू गाजीपुर के डॉ सिद्दीकी, बलिहारी बाबू इन सभी ने जोर लगाया लेकिन मान्यवर कांशीराम ने टिकट नहीं दिया। उन्होंने विश्वनाथ राम मुनीम को जनरल सीट पर गाजीपुर सदर से टिकट दिया। दरअसल मुख्तार अंसारी चाहता था कि अफजाल अंसारी महमूदाबाद सीट से बन चुके हैं, सदर की सीट पर हम कब्जा कर लें। लेकिन मुख्तार को टिकट को नहीं मिला।
बृजलाल ने कहा कि फिर उसके बाद नवंबर, 1993 को सुबह चुनाव था और उससे पहले रात को विश्वनाथ राम दफ्तर से जैसे ही निकले, उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। फिर राज बहादुर जी चुनाव लड़े और वह बसपा से जीते भी और प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्री भी बने। बृजलाल कहते हैं कि मुख्तार अंसारी के लोगों ने विश्वनाथ राम को मरवाया था। लेकिन दुखद ये रहा कि 1996 में उन्हीं विश्वनाथ राम जी की मौत को भुलाकर बहुजन समाज पार्टी ने मुख्तार अंसारी को टिकट देकर पहली बार माननीय बनाया। बृजलाल कहते हैं कि उसे माफिया बनाने में बीएसपी का भी रोल रहा। समाजवादी पार्टी का तो 75 प्रतिशत रोल रहा ही लेकिन 25 प्रतिशत बीएसपी का भी रहा।