ऑनलाइन गेम में 8 घंटे तक बिता रहे लोग, वर्चुअल खेल की आदत सेहत ही नहीं बच्चों का बिगाड़ रही रिजल्ट भी
पढ़ाई में कम, गेम में ज्यादा समय
ऑनलाइन कक्षाओं के चलते भी बीते कुछ वर्षों में बच्चों ने फोन का इस्तेमाल ज्यादा करना शुरू कर दिया है। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर अपने पास फोन रखते हैं। ऐसे में पढ़ाई से ज्यादा उनका टाइम ऑनलाइन गेम में ही बीतता है। दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के छात्रों को टैबलेट भी दिए गए हैं। उन्होंने कई बार इस संबंध में शिकायत की है। कार्टरपुरी सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने बताया कि कई अभिभावकों ने उनके पास बीते वर्ष शिकायतें की हैं कि उनके बच्चे टैबलेट पर पढ़ाई कम और ऑनलाइन गेम खेलने में ज्यादा समय बिता रहे हैं, उनसे टैबलेट वापस लिए जाएं।
ऑनलाइन गेम खेलना बच्चों को मानसिक रूप से परेशान कर रहा है। इस वजह से बच्चे अकेले रहना पसंद करते हैं, उनका पढ़ाई में मन कम लगता है। महीने में कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें अभिभावक अपने बच्चों को काउंसलिंग के लिए लेकर पहुंचते हैं। बच्चों से मोबाइल लेने पर उनमें चिड़चिड़ापन भी देखा जा रहा है।
डॉ. अजीत दीवान, मनोचिकित्सक, सिविल अस्पताल
इस तरह की बढ़ रही समस्याएं:
– अंगूठे का मूवमेंट बढ़ने से अंगूठे में सूजन और दर्द की समस्या
-कोहनी के आसपास दर्द की समस्या
– आंखों में प्रेशर बढ़ने से आई स्ट्रेन
– बच्चों का स्लीपिंग पेटर्न बिगड़ जाता है, जिससे वह काम पर फोकस नहीं कर पाते
– फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से मोटापे की परेशानी
– गुस्सा ज्यादा आने लगा है
– सोशल सर्कल घट गया है
पढ़ाई में होनहार बच्चे भी इस वजह से फिसड्डी होने लगे हैं। इस कारण अभिभावकों की परेशानी बढ़ रही है। इस वजह से स्कूली बच्चों के परीक्षा परिणामों पर भी असर दिखने लगा है, काउंसलिंग के दौरान भी कई बच्चे इस तरह की परेशानी बताते हैं कि वह ज्यादातर समय फोन गेम पर बिताते हैं और इस वजह से भी वह अक्सर परेशान रहते हैं।
रजनी शर्मा, डिस्ट्रिक्ट काउंसलर, शिक्षा विभाग
जरूरी है यह कदम
– अभिभावक खुद भी मोबाइल का इस्तेमाल कम करें
– बच्चों के टीवी देखने का समय भी निर्धारित रखें
– खाने की टेबल पर फोन लेकर न बैठें
– बच्चों के गेम खेलने के बजाय फिजिकल एक्टिविटी को ज्यादा तवज्जो दें