कैसे पड़ा राजस्थान नाम, 74वें स्थापना दिवस पर जानिए राज्य की खूबियां
Rajasthan Diwas 2023: राजस्थान आज गुरुवार 30 मार्च को 74 साल का हो गया है। आज राजस्थान का स्थापना दिवस (Rajasthan Foundation Day 2023) मनाया जा रहा है। स्थापना दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्य के लोगों को शुभकामनाएं और बधाई दीं।
जानिए राजस्थान नाम क्यों रखा गया
अलग-अलग प्रदेशों के गठन और नामकरण के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर होती है। राजस्थान के नामकरण के पीछे भी एक बड़ा कारण है। आजादी से पहले यहां अलग-अलग रियासतें थी, जिनमें अलग-अलग राजा शासन करते थे। राजपरिवार में परम्पराएं होती थी कि उनका शासन वंशानुगत चलता था। आजादी के बाद जब देश में लोकतंत्र लागू हुआ तो राजाओं का शासन चला गया और शासन जनता के जरिए तय किया जाने लगा। चूंकि यह स्थान पहले राजाओं का स्थान रहा है। इसी कारण इस प्रदेश का नाम भी राजस्थान रख दिया गया।
राजस्थान किलों और महलों के कारण विशेष प्रसिद्धि
राजाओं की रियासतों के कारण राजस्थान में कई किले हैं। प्रमुख किलों की संख्या 13 हैं, जिनमें जयपुर का आमेर और जयगढ़ किला, जोधपुर का मेहरानगढ़ किला, राजसमंद का कुम्भलगढ़ किला, सवाई माधोपुर का रणथम्भोर किला, बीकानेर का जूनागढ़ किला, भरतपुर का लोहागढ़ किला विश्वभर में अपनी विशेष पहचान रखते हैं। अन्य किलों और महलों में गागरौन किला, जैसलमेर, सिरोही का अचलगढ़, नागौर का अहिछत्रगढ़, जालौर दुर्ग, सिरोही का खिमसर किला, अवलर का निमराणा किला, सिटी पैलेस आदि भी प्रसिद्ध हैं। अभेद किलों के साथ रानियों के कहने के लिए आलीशान महल भी बने हुए हैं।देश का दसवां भूभाग है राजस्थान
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 3 लाख 42 हजार239 वर्ग किलोमीटर है। यह देश का 1/10 भूभाग है। राजस्थान में अभी तक 7 संभाग और 33 जिले थे, लेकिन हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो जिलों का विलय करते हुए 19 नए जिलों और 3 नए संभागों की घोषणा की है। ऐसे में अब राजस्थान में कुल 10 संभाग और 50 जिले हो गए हैं। नए जिलों और संभागों के नोटिफिकेशन जारी करने और प्रशासनिक कार्य शुरू होने में कुछ महीनों का समय लगेगा।शौर्य गाथाओं के कारण विशेष पहचान
राजस्थान की शौर्य गाथाओं के कारण राजस्थान देश में अपनी विशेष पहचान रखता है। महाराणा प्रताप, चंद्र सेन राव और महाराजा सूरजमल की शौर्य गाथाएं विश्वभर में प्रसिद्ध है। इतिहारकार कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को यूरोप के थर्मापोली की संज्ञा दी थी। थर्मापोली में पग पग पर वीरता की कहानियां हैं। उसी तरह राजस्थान में बहुत वीर यौद्धा हुए हैं, जिनके कारण इसे थर्मापोली कहा गया। राजस्थान का बड़ा भू-भाग रेगिस्तान है। यहां भारत की सबसे पुरानी पर्वतमाला अरावली भी मौजूद है।पर्यटन के रूप में भी खास है राजस्थान
पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान दुनिया में अपनी विशेष पहचान रखता है। यहां दर्जनों ऐसे पर्यटन स्थल है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं। साथ ही धोरों की धरती जैसलमेर की भी अपनी विशेष पहचान है, जहां हिचकौले खाते पर्यटक ऊंटों की सवारी का आनन्द लेते देखे जा सकते हैं। झीलों की नगरी उदयपुर हो या पिंक सिटी जयपुर, पर्यटन की दृष्टि से यहां कई दर्शनीय स्थान हैं। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)आसपास के शहरों की खबरें
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