Faridabad News: फरीदाबाद में बच्चे के सिर में घुसा पंखे का ब्लेड, तीन घंटे की सर्जरी के बाद बची जान

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Faridabad News: फरीदाबाद में बच्चे के सिर में घुसा पंखे का ब्लेड,  तीन घंटे की सर्जरी के बाद बची जान

Faridabad News: फरीदाबाद में बच्चे के सिर में घुसा पंखे का ब्लेड, तीन घंटे की सर्जरी के बाद बची जान

Faridabad Latest News: द‍िल्‍ली से सटे हर‍ियाणा के फरीदाबाद में दर्दनाक घटना हुई। फर्राटा पंखा के ब्‍लेड से एक दो साल का बच्‍चा जख्‍मी हो गया। ब्‍लेड बच्‍चे के स‍िर में घुस गई। इसके बाद डॉक्‍टरों ने सर्जरी करके निकाला। अब बच्‍चे की हालत बेहतर है।

 

हाइलाइट्स

  • द‍िल्‍ली से सटे हर‍ियाणा के फरीदाबाद में हुई दर्दनाक घटना
  • बच्चे के सिर में 3 cm तक घुसा पेडस्टल फैन का ब्लेड
  • सर्जरी के बाद बच्‍चे को वॉर्ड में शिफ्ट किया गया
फरीदाबाद: आपके घर में भी पेडस्टल फैन (फर्राटा पंखा) है और उसमें आगे जाली नहीं है तो सावधान रहें। शहर की पर्वतीया कॉलोनी में ऐसे ही पंखे के कारण दो साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। पड़ोसी के घर में आयोजित कार्यक्रम में पेडस्टल फैन लगा था। वहां खेलता हुआ बच्चा पंखे की चपेट में आ गया और पंखे का ब्लेड बच्चे के सिर में 3 सेंटीमीटर तक घुस गया। बच्चे को फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में लाया गया, जहां तीन घंटे की जटिल सर्जरी के बाद बच्चे की जान बचाई गई।

अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ.नीतीश अग्रवाल ने बताया कि बच्‍चे को अस्‍पताल लाया गया, तब वह होश में था। उसके घाव से सेरीब्रोस्‍पाइनल फ्लूड (यह पारदर्शी तरल पदार्थ ब्रेन और स्‍पाइनल कॉर्ड के इर्द-गिर्द बहता है) का रिसाव हो रहा था। डॉक्‍टरों ने उसकी लेफ्ट फ्रंटल क्रेनियोटॅमी (सर्जरी कर खोपड़ी से हड्डी का एक हिस्‍सा हटाकर ब्रेन एक्‍सपोज़ करना) कर फैन ब्‍लेड को बाहर निकाला।

फैन ब्‍लेड को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला

सर्जरी के बाद बच्‍चे को पिडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) और फिर वॉर्ड में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि ब्‍लेड बच्चे के सिर के अंदर घुस गया था। यह चिंताजनक था, क्‍योंकि इसकी वजह से उसकी बोलने की क्षमता प्रभावित हो सकती थी। साथ ही, इस कारण ब्रेन में ब्‍लीडिंग और हिमाटोमा (थक्‍का) की आशंका भी थी। ब्रेन में बाहरी पदार्थ होने की वजह से संक्रमण का भी खतरा था। उन्होंने बताया कि ब्‍लेड के इर्द-गिर्द की हड्डी में ड्रिलिंग कर फैन ब्‍लेड को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला गया।

ऐसा हादसा हो तो खुद इलाज न करें

डॉ.नीतीश ने बताया कि केस में परिजनों ने अच्छा काम ये किया कि उन्होंने पंखे का ब्लेड खुद से नहीं निकाला। वह ऐसा करते तो ब्लेड ब्रेन में और घाव कर देता। साथ ही ब्लीडिंग भी नहीं रुकती। ऐसे में बच्चे की जान का भी खतरा बढ़ जाता। लोग इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी शरीर के किसी भी पार्ट में कोई भी नुकीली चीज हादसे में घुस जाए तो उसे खुद नहीं निकालें। तुरंत ही नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर इलाज डॉक्टर से ही करवाएं, जिससे इन्फेक्शन और ब्लीडिंग कंट्रोल कर मरीज़ की जान बचाई जा सके।

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