लड़की को पॉक्सो ऐक्ट में हुई 10 साल की सजा, नाबालिग का किया था यौन शोषण
बाणगंगा थाने में दर्ज हुआ था मामला
परिजनों के मुताबिक, उनका बच्चा काफी दिनों से लापता था। लगातार तलाश के बाद उन्होंने थाने का रुख किया। परिवार ने बाणगंगा थाने में लापता बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू की। किसी तरह से लापता बच्चे का पता तो उसे इंदौर लाया गया। जिसके बाद पुलिस ने नाबालिक लड़के से बात की। जिसमें उन्हें पूरी घटना का पता चला।
लड़की को 10 साल सश्रम कारावास की सजा
बस फिर क्या था पुलिस ने एक्शन लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। मामला कोर्ट में विचाराधीन था, जिस पर बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। इंदौर में विशेष न्यायाधीश ने आरोपी युवती को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। नाबालिग लड़के के शारीरिक शोषण में पॉक्सो एक्ट में कोर्ट ने पहली बार किसी युवती को सजा सुनाई है।
19 साल है दोषी लड़की की उम्र
बताया जा रहा कि बच्चे को 19 वर्षीय लड़की बहला-फुसलाकर ले गई थी। फिर उसे काम में लगा दिया। इस दौरान बच्चे का शारीरिक शोषण भी किया गया। इधर, परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने छापेमारी तेज की। जल्द ही बच्चे का पता चल गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला को गिरफ्तार किया। अब इंदौर की कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट में उसे सजा सुनाई है।
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क्या है पॉक्सो ऐक्ट?
किसी भी नाबालिग यानी 18 साल से कम उम्र के बच्चे का शारीरिक शोषण पॉक्सो एक्ट के दायरे में आता है। यह कानून नाबालिग लड़का और लड़की, दोनों को बचाता है। ऐसे केस की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होती है। पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों को सेक्शुअल असॉल्ट, सेक्शुअल हरासमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है।