राजस्थान में क्या अशोक गहलाेत का बेड़ा गर्ग करेंगे सुखजिंदर सिंह रंधावा?
Rajasthan Congress Politics: राजस्थान में चार साल शासन के बाद कांग्रेस फिर से सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है। शायद इसी मकसद के साथ राजस्थान कांग्रेस को नया प्रदेश प्रभारी भी भेजा गया। लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार खुद प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ही अशोक गहलोत का बेड़ा गर्ग करते नजर आ रहे हैं।
हाइलाइट्स
- गहलोत-पायलट के बीच खींचतान के बाद भी कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद
- लेकिन कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी के बिगड़े बोल कहीं भारी न पड़ जाएं
- चुनावी साल में सोमवार को ये क्या बोल गए सुखजिन्दर सिंह रंधावा
- कहीं गहलोत की सत्ता वापसी की उम्मीदों पर भारी तो नहीं पड़ रहे रंधावा
बयानबाजी का चुनाव में होता है नकारात्मक असर
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा के प्रदेश प्रभारी बनने के बाद पिछले तीन महीने से सब ठीकठाक चल रहा है। गहलोत और पायलट के बीच तंज तो कसे गए लेकिन कांग्रेस में कोई बड़ा बवाल नहीं हुआ। अब सुखजिन्दर सिंह रंधावा के एक साथ दो विवादित बयान सामने आए। जो कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकते हैं। सोमवार 13 मार्च को रंधावा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पुलवामा आतंकी हमले पर सवाल उठा दिए। वहीं पीएम मोदी को खत्म करने का विवादित बयान भी दे डाला। ये दोनों बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बिषय बने हुए हैं। बता दें कि चुनाव में ऐसी बयानबाजी अक्सर पाटियों के लिए आत्मघाती साबित होती है।
आखिर रंधावा की बयानबाजी से क्या नुकसान?
रंधावा ने कहा कि ‘अरे भाई वो पुलवामा में आतंकी हमला कैसे हो गया, उसकी जांच करवाओ। आज तक जवानों को पता नहीं चला कि वो कैसे शहीद हो गए। कहीं इलेक्शन लड़ने के लिए तो नहीं ऐसा कर दिया।’ रंधावा के इस बयान से वे बीजेपी के निशाने पर आ गए। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा है कि कांग्रेस ने देश के लिए शहादत देने वाले वीरों का अपमान किया है। पूनियां ने कहा कि कांग्रेस की यह फितरत बन गई है कि वे बार बार शहादत का अपमान करते हैं और लोकतंत्र की मर्यादाओं का अपमान करते हैं। रंधावा के इस बयान के विरोध में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया। बता दें कि पुलवामा में राजस्थान के जवान भी शहीद हुए थे। और ऐसे बयानों पर सियासत हुई तो शहीदों से जुड़ी भावनाएं आहत होने का खामियाजा सत्तारुढ़ पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
पुलवामा हमले पर सवाल उठाना पड़ सकता है भारी
चुनावी साल में रंधावा के ये बयान कांग्रेस को महंगे पड़ सकते हैं। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर का बड़ा असर रहा। पीएम नरेन्द्र मोदी की भाषण शैली का असर आज भी लोगों के दिलो दिमाग पर है। अब रंधावा ने पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए भी आपत्तिजनक बयान दिए। उन्होंने कहा कि पहले मोदी को खत्म करो, अडानी और अंबानी अपने आप खत्म हो जाएंगे। रंधावा ने पीएम मोदी को बेईमान तक करार दिया। ऐसे में पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक बयान देना और पुलवामा हमले पर सवाल उठाना कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। एक तरफ कांग्रेस में भारी गुटबाजी है जो कई बार सड़कों पर आ चुकी है। कांग्रेसी नेताओं की आपसी बयानबाजी उन्हीं के नेताओं को कटघरे में खड़ा करती रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट घोषणाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए सत्ता वापसी का सपना देख रहे हैं। इसी बीच प्रदेश प्रभारी रंधावा के विवादित बयानों का आना चिन्ता का सबब बन गया है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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