सुधाकर सिंह ने अब तेजस्वी यादव को दिखाए तेवर, आरजेडी से निकाले जाने की बात पर दो-टूक जवाब
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले बिहार के पूर्व कृषि मंत्री एवं आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को तेवर दिखाए हैं। आरजेडी से निकाले जाने की बात पर उन्होंने तेजस्वी को दो-टूक जवाब दिया है। सुधाकर ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि को हटाने का फैसला सिर्फ जनता का होता है। आरजेडी ने जो नोटिस भेजा था, उसका उन्होंने एक महीने पहले जवाब दिया है।
सुधाकर सिंह ने मौलाना आजाद पर एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में शनिवार को खुलकर बातचीत की। पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव उन्हें आरजेडी से निकाले जाने की चेतावनी दे चुके हैं। इस पर सुधाकर ने जवाब दिया कि लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि को हटाने का हक सिर्फ जनता का होता है। आरजेडी ने जो मुझे नोटिस भेजा है, उसका मैंने एक महीने पहले ही जवाब दे दिया था। सुधाकर ने कहा कि उन्होंने पार्टी को जवाब दिया है उसपर वे कायम हैं। अगर उन्हें दोबारा नोटिस मिलेगा तो वे फिर जवाब देंगे। मगर कोई व्यक्ति कोई बयान देगा तो उसका जवाब नहीं देंगे।
पूर्व कृषि मंत्री ने सीएम नीतीश पर लगातार सवाल उठाए जाने की बात पर कहा कि एक विधायक के रूप में उन्हें सवाल करने का हक है। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि अलग-अलग विचारों के लोग एक साथ रहते हैं। हम किसी तानाशाही में नहीं रह रहे हैं। हमें सत्ता से सवाल करने का हक है। सवाल हमेशा सत्ता से ही होते हैं, विपक्ष से नहीं।
बता दें कि सुधाकर सिंह आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। नीतीश कैबिनेट में रहते हुए उन्होंने कई बार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे। इसके चलते उन्हें कृषि मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद भी वे नहीं रुके और लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। 17 जनवरी को आरजेडी ने सुधाकर को कारण बताओ नोटिस भेजकर इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे किसानों के हित की बात कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी लाइन के बाहर जाकर कोई काम नहीं किया है।
सुधाकर पर आक्रामक जेडीयू, आरजेडी से पूछा कब कार्रवाई होगी, तेजस्वी ने दिया जवाब
वहीं, जेडीयू नेता लगातार सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने के लिए आरजेडी पर दबाव बना रहे हैं। पिछले दिनों डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर सुधाकर चुप नहीं रहे, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। हालांकि, इस चेतावनी का असर सुधाकर पर नहीं नजर आ रहा है।