नवाब मलिक को देशद्रोही कहना अपराध तो 50 बार करूंगा यह क्राइम… महाराष्ट्र विधानसभा में फिर बोले शिंदे
शिंदे के बयान के खिलाफ विरोधी पक्ष नेता दानवे ने सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया। एनसीपी एमएलसी शशिकांत शिंदे सहित विपक्षी नेताओं ने कहा कि शिंदे सहूलियत की राजनीति कर रहे हैं, जब महाविकास आघाडी सरकार का गठन किया जा रहा था तब उन्होंने विधायकों को एक साथ लाने में मदद की और कैबिनेट में मलिक के साथ बैठे थे।
‘नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से संबंध’
एमएलसी अनिल परब ने कहा कि उन्होंने कभी भी राष्ट्र-विरोधियों का समर्थन नहीं किया और शिंदे जब एक ही कैबिनेट में मंत्री थे तब उन्होंने यह सब क्यों नहीं कहा। इस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि, उन्होंने विपक्ष के किसी भी नेता को देशद्रोही नहीं कहा है, बल्कि नवाब मलिक को देशद्रोही कहा था। उन्होंने सदन में कहा कि अंडरवर्ल्ड के साथ वित्तीय लेनदेन के खुलासे के बाद भी महाविकास आघाडी सरकार ने मलिक को कैबिनेट मंत्री से नहीं हटाया।
‘संजय राठौड़ को हटाया तो मलिक को क्यों नहीं?’
शिंदे ने आगे कहा कि मैंने एमवीए शासन के दौरान उद्धव ठाकरे से कहा था कि मलिक को मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए, जब संजय राठौड़ को हटाया जा सकता है, तो मलिक को क्यों नहीं, लेकिन वह मलिक से इस्तीफा नहीं ले सके। इन सबके चलते हमने उन्हें छोड़ दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस दौरान शिंदे मुंबई बम विस्फोट का मामला उठाया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ने पूरा मामला सदन में रख दिया है ऐसे में अब विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का मामला बनता ही नहीं है। फिर भी विपक्ष अड़ा रहा कि मुख्यमंत्री पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाना चाहिए।
मैंने नवाब मलिक को देशद्रोही कहा था, जिनका आर्थिक संबंध देशद्रोही दाऊद इब्राहिम के साथ था। यदि किसी देशद्रोही व्यक्ति को देशद्रोही कहना अपराध है, तो यह अपराध 50 बार करेंगे।
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री (विधान परिषद में)
क्या बोलीं उपसभापति नीलम गोर्हे
इस पर उपसभापति नीलम गोर्हे ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव को खारिज करना स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं तय करूंगी कि इस प्रस्ताव को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए या नहीं। हमने मुख्यमंत्री को स्पष्ट करने के लिए समय दिया, उन्होंने अपनी सफाई दे दी है।