इतना खांसता हूं कि लगता है कलेजा निकल जाएगा… दिल्ली में घर-घर हो रहे खांसी के मरीज
लंबे समय तक खांसी पर क्या बोले डॉक्टर
दिल्ली का हाल यह है कि लगभग हर घर में किसी ना किसी को खांसी की शिकायत हो रही है। कई लोगों ने यह बताया कि वायरल के बाद उन्हें लंबे समय तक थकान, कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत का सामना करना पड़ा। इन कारणों से काम में भी मन नहीं लगता है। मैक्स हेल्थ केयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर संदीप बुद्धराजा ने इस बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि आमतौर पर हमें उत्तर भारत में फ्लू के मामले देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन इस साल फरवरी और मार्च में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यह वायरस किसी खास तरह के रिएक्शन या सूजन को जन्म दे रहा है। कभी-कभी तो यह फेफेड़ों पर भी प्रभाव डाल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि बुखार, खांसी, ठंड और शरीर के दर्द जहां 2 से 4 दिन में ठीक हो रहे हैं वही सूखी खांसी लंबे समय तक बनी हुई है।
मरीजों को ऐसे किया जाए ठीक
पीएसआरआई इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर जीसी खिलनानी ने बताया कि इस तरह के मर्ज के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं। किसी मरीज को जेनेटिक प्रवत्तियों के चलते भी ऐसा हो सकता है। इसमें पहले से अस्थमा से पीड़ित होना, COPD और पहले से मौजूद फेफड़े की बीमारियां भी जिम्मेदार हैं। वायु प्रदूषण के चलते मर्ज की गंभीरता और सूजन में इजाफा हो सकता है। इसके चलते लंबे समय तक लोगों को खांसी, गला खराब और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। डॉक्टरों ने बताया कि इस बार कुछ दिन के लिए आवाज गायब होना और निगलने में परेशानी भी देखी जा रही है। यह भी देखा गया है कि मल्टीपल कोर्स की एंटीबायोटिक भी असर नहीं दिखा रही हैं।
डॉक्टर बुद्धिराजा ने बताया कि जिनको अस्थमा नहीं भी है वह भी अस्थमा के मरीजों की तरह हरकत कर रहे हैं। इस तरह के मरीजों को एंटी-एलर्जिक और अस्थमा के ट्रीटमेंट वाली दवाईयांदी जा सकती हैं। कभी-कभी उन्हें डॉक्टरों की सलाह पर स्टेरॉयड भी दिए जा सकते हैं जिससे उनके सूजन को कम किया जा सके।