बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर पाई शिंदे सरकार, भड़का विपक्ष, अधिवेशन सत्र के पहले टी-पार्टी का किया बहिष्कार
सरकार अनाप-शनाप खर्च कर रही है। उसका ध्यान किसानों, गरीबों, मजदूरों और महिलाओं के हित पर नहीं है। सरकारी योजनाओं का लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है और सरकार है कि खुद का प्रचार-प्रसार करने में लगी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की खिंचाई करते हुए पवार ने कहा कि राज्य में पहले भी कई लोग मुख्यमंत्री बने हैं, उपमुख्यमंत्री भी बने, लेकिन इनके कार्यकाल में चाय-पानी का बिल अब तक दो-ढाई करोड़ रुपये नहीं आया है।
बजट का पैसा भी खर्च नहीं कर सकी
पिछले साल बजट में प्रावधान किए गए रकम को खर्च नहीं करने का मामला भी पवार ने उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु जो पैसा आवंटित किया गया, उसे सरकार ने खर्च ही नहीं किया। अब वित्तीय वर्ष खत्म होने को है यानी यह तय है कि वह पैसा अब खर्च ही नहीं हो सकेगा। उसे वापस लौटा कर दिया जाएगा। सरकार निधि वितरित करने में भी असफल रह गई है। विकास कामों में राजनीति होने की वजह से विकास प्रक्रिया मंद हुई है। पिछले बजट में मंजूर कई विकास कार्यों को स्थगित कर दिया गया है। इससे विकास का काम पूरी तरह से ठप है। अगले महीने वित्तीय वर्ष खत्म हो जाएगा। जिला वार्षिक योजना से जुड़े कितने पैसे खर्च हुए, यह पता करें? अब तक पैसे खर्च नहीं किए जा सके हैं।
मंत्रियों और समर्थक विधायकों पर मेहरबान है सरकार
प्रतिपक्ष नेता पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर आरोप लगाया कि एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास काम के लिए पैसे खर्च नहीं किए जा सके, तो दूसरी ओर सरकार अपने मंत्रियों और समर्थक विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जबकि दूसरे कामों पर सरकार का ध्यान ही नहीं है। विरोधी पक्ष के विधायकों ने ऐसा क्या किया है, जो उन्हें फंड नहीं दिया जा रहा। हाल ही में नागपुर सत्र में 52,000 करोड़ की पूरक मांग को सरकार ने मंजूर किया है। वह पैसा भी अब तक नहीं खर्च किया गया।
मुख्यमंत्री के पास प्रलंबित हैं 3,000 फाइलें
पवार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में 3,000 फाइलें पड़ी हुई हैं, जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। अधिकारी से पूछते हैं तो वह कहता है कि फाइल मुख्यमंत्री के पास है और हमारे मुख्यमंत्री के पास ही समय नहीं है। मुख्यमंत्री लोगों से जरूर मिलते हैं, पर सरकारी काम भी तो निपटाएं, आखिर वह काम भी तो जनता से ही संबंधित है।
कांग्रेस, शेकाप, सपा के विधायक अनुपस्थित
विपक्ष दलों की बैठक में एनसीपी, शिवसेना सहित अन्य दूसरे छोटे दल भी शामिल हुए। हालांकि कांग्रेस का कोई विधायक इस बैठक में नहीं आया। शेकाप के विधायक जयंत पाटील भी नहीं दिखाई दिए। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आजमी भी इस बैठक से नदारद रहे। विपक्ष की एकता पर पूछने पर विधान परिषद में विरोधी दल के नेता अंबादास दानवे ने बताया कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में चल रहा है। उनके सभी नेता वहां गए हैं। बैठक में नहीं आने की पूर्व जानकारी उन्होंने पहले ही दे दी थी। शेकाप व समाजवादी पार्टी के नेता भी बाहर गए हैं। दानवे ने दावा किया कि विपक्ष एकजुट है और सदन की कार्यवाही में सरकार को घेरने में पूरी तरह से सक्षम है।