Manish Sisodia Arrest LIVE: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP का हल्ला-बोल, आज देशभर में प्रदर्शन
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को क्यों अरेस्ट किया?
सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया के खिलाफ जुटाए गए सबूतों के बारे में उनसे पूछताछ की गई, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर थे। जवाब में टालमटोल कर रहे थे। उन पर निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। सूत्रों ने दावा किया कि उनसे दस्तावेजी, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सबूतों के बारे में पूछताछ की गई।
दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाला? आखिर क्या है मामला
17 नवंबर, 2021 को दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति लॉन्च हुई। इसमें BJP ने घोटाला होने के आरोप लगाए। आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। आम आदमी पार्टी इन आरोपों से साफ इनकार कर चुकी है। CBI ने मामले में 16 लोगों पर FIR दर्ज की, मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया। कई बार सिसोदिया के घर पर रेड भी हुई। उन्हें समन भेजकर रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
सिसोदिया की गिरफ्तारी पर सीएम ने कहा, इससे हमारे हौसले और बढ़ेंगे
उनकी गिरफ्तारी गंदी राजनीति है। मनीष की गिरफ्तारी से लोगों में बहुत रोष है। लोग सब देख रहे हैं। लोगों को सब समझ आ रहा है। लोग इसका जवाब देंगे। इस से हमारे हौसले और बढ़ेंगे, हमारा संघर्ष और मजबूत होगा।
अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली
आबकारी मामले में मनीष सिसोदिया पर क्या हैं आरोप?
चीफ सेक्रेट्री के द्वारा भेजी गई जिस रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने नई आबकारी नीति की सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे, उसमें दिल्ली सरकार और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर मुख्यत: से ये आरोप लगाए गए थे :
- कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शराब बेचने वाली कंपनियों की 144.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई।
- एल-1 के टेंडर में शामिल एक कंपनी की 30 करोड़ रुपये की अर्नेस्ट डिपॉजिट मनी कंपनी को वापस कर दी गई।
- विदेशी शराब और बियर के केस पर मनमाने ढंग से 50 रुपये प्रति केस की छूट दी गई, जिसका फायदा कंपनियों ने उठाया।
- एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दो जोन के ठेके दे दिए गए।
- कार्टल पर पाबंदी के बावजूद शराब विक्रेता कंपनियों के कार्टल को लाइसेंस दिए गए।
- बिना एजेंडा और कैबिनेट नोट सर्कुलेट कराए कैबिनेट में मनमाने तरीके से प्रस्ताव पास करवाए गए।
- शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर 3 की गई।
- मास्टर प्लान के नियमों का उल्लंघन करते हुए नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी गई।
- ठेकेदारों का कमीशन 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।
- दो जोनों में शराब निर्माता कंपनी को रिटेल सेक्टर में शराब बेचने की इजाजत दी गई।
- एलजी की मंजूरी लिए बिना दो बार पॉलिसी को एक्सटेंड किया और मनमाने तरीके से डिस्काउंट ऑफर दिए गए, जिससे कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचा।
- नई पॉलिसी लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया।
- टेंडर जारी होने के बाद 2021-22 में लाइसेंस हासिल करने वालों को कई तरह के गैरवाजिब लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर तय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया।
आबकारी मामले में कब क्या हुआ?
17 नवंबर 2021 : दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति लॉन्च हुई, बीजेपी ने घोटाला होने के आरोप लगाए।
1 जुलाई 2021 : नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेट्री से रिपोर्ट मांगी।
22 जुलाई 2022 : चीफ सेक्रेट्री के द्वारा 8 जुलाई को भेजी रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की मंजूरी दी।
28 जुलाई 2022 : विवाद बढ़ता देख दिल्ली सरकार ने नई नीति को वापस लिया। एलजी ने एक महीने का एक्सटेंशन दिया।
17 अगस्त 2022 : आबकारी मामले में सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया।
19 अगस्त 2022 : मनीष सिसोदिया के घर और दफ्तर पर सीबीआई ने छापे मारे और कुछ दस्तावेज व उपकरण जब्त किए।
30 अगस्त 2022 : सीबीआई की टीम ने गाजियाबाद स्थित पंजाब नैशनल बैंक में सिसोदिया के बैंक लॉकर को खंगाला।
1 सितंबर 2022 : पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू हुई।
6 सितंबर 2022 : सीबीआई के बाद ईडी ने भी नई आबकारी नीति मामले में जांच शुरू की, 35 से अधिक जगहों पर छापे मारे गए।
19 सितंबर 2022 : ईडी ने समन देकर आप विधायक और एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक को पूछताछ के लिए बुलाया, 10 घंटे तक की पूछताछ।
27 सितंबर 2022 : आबकारी मामले में पहली गिरफ्तारी हुई। आम आदमी पार्टी के कम्यूनिकेशन और सोशल मीडिया इंचार्ज के रूप में काम कर रहे विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।
28 सितंबर 2022 : मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए ईडी ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया।
7 अक्टूबर 2022 : ईडी ने फिर से देशभर में 30 से अधिक जगहों पर छापेमारी की, एक शख्स के घर से 1 करोड़ रुपये बरामद किए।
17 अक्टूबर 2022 : सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया, 8 घंटे बाद छोड़ा।
25 नवंबर 2022 : सीबीआई ने केस में पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें मनीष सिसोदिया का नाम आरोपी के रूप में नहीं था।
30 नवंबर 2022 : ईडी की एक रिपोर्ट के जरिए पहली बार इस केस में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता का नाम सामने आया। आबकारी नीति से जुड़ी दक्षिण भारत की एक कंपनी में कविता के भी शामिल होने का दावा किया गया।
11 दिसंबर 2022 : सीबीआई की टीम ने हैदराबाद में कविता से पूछताछ की।
2 फरवरी 2023 : ईडी ने आबकारी नीति मामले में चार्जशीट दाखिल की। पहली बार इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम भी आया।
18 फरवरी 2023 : सीबीआई ने एक बार फिर समन भेजकर सिसोदिया को 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया।
19 फरवरी 2023 : सिसोदिया ने बजट बनाने में व्यस्तता का हवाला देते हुए सीबीआई से कुछ दिनों की मोहलत मांगी।
20 फरवरी 2023 : सीबीआई ने सिसोदिया को एक हफ्ते की मोहलत दी, 26 फरवरी को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया।
26 फरवरी 2023 : सीबीआई ने सिसोदिया को 8 घंटे की पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिया।
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