Delhi Mayor Election: चुनाव के 80 दिन बाद मिला दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ का मुखिया, पढ़िए मेयर इलेक्शन की इनसाइड स्टोरी

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Delhi Mayor Election: चुनाव के 80 दिन बाद मिला दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ का मुखिया, पढ़िए मेयर इलेक्शन की इनसाइड स्टोरी

Delhi Mayor Election: चुनाव के 80 दिन बाद मिला दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ का मुखिया, पढ़िए मेयर इलेक्शन की इनसाइड स्टोरी


नई दिल्ली: दिल्ली मेयर चुनाव (Delhi Mayor Election) के 80 दिन बाद आखिरकार दिल्ली को अपनी नई मेयर मिल गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) की शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) दिल्ली की नई मेयर बनी हैं। दिल्ली को मेयर मिलने का सफर आसान नहीं था। दिल्ली में बीते साल 4 दिसंबर को मेयर चुनाव हुए थे। चुनाव के नतीजे 7 दिसंबर को आए थे। चुनाव के नतीजों से बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा और आम आदमी पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 वार्डों पर जीत हासिल कर परचम लहराया। आइए जानते हैं दिल्ली मेयर चुनाव से जुड़े पांच बड़ी बातें।

तीन बार फेल हुई थी मेयर चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया

मेयर चुनाव के लिए इससे पहले अब तक 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को सदन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन तीनों बार सदन में हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पाया। इस बीच दिल्ली की सियासत में मेयर चुनाव का मुद्दा छाया रहा। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे।

4 दिसंबर को हुए थे चुनाव, 7 दिसंबर को आए थे नतीजे

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बीते साल 4 दिसंबर को दिल्ली एमसीडी के 250 वार्डों के चुनाव हुए थे। इन चुनावों का नतीजा बीते साल 7 दिसंबर को आया था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला था और पार्टी ने 134 वार्डों में जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी की एमसीडी से बादशाहत का अंत हुआ और बीजेपी के खाते में 104 वार्ड ही आए। वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। उधर 3 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।

शैली ओबरॉय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट हुआ ऐक्टिव

शैली ओबरॉय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट हुआ ऐक्टिव

बार-बार दिल्ली के मेयर चुनाव स्थगित होने के चलते आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका के जरिए एल्डरमैन काउंसलर्स के वोटिंग अधिकार को भी चुनौती दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आप को राहत देते हुए कहा था कि मनोनीत सदस्य एमसीडी मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चौथी बार 22 फरवरी को मेयर चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई।

आप ने सुप्रीम कोर्ट में रखी थीं ये मांगे

आप ने सुप्रीम कोर्ट में रखी थीं ये मांगे

सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी ने अपना कुछ मांगे रखी थी। आम ने कोर्ट से मांग की थी सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद से हटाया जाए, एक हफ्ते के अंदर एमसीडी का सदन बुलाया जाए, मेयर चुनाव पूरा होने तक कोई स्थगन न हो, बाकी के चुनाव मेयर की अध्यक्षता में हों, नामित पार्षदों को वोट देने का अधिकार न मिले।

केजरीवाल ने एलजी पर लगाए थे गुंडागर्दी के आरोप

केजरीवाल ने एलजी पर लगाए थे गुंडागर्दी के आरोप

दिल्ली मेयर चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना पर गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए थे। केजरीवाल ने कोर्ट में कहा था, ‘एलजी ने कोर्ट में केस को प्रभावित करने की कोशिश की। दिल्ली सरकार ने गौतम नारायण को अपना वकील नियुक्त करने को कहा, लेकिन LG ने तुषार मेहता को ही दिल्ली सरकार का भी वकील बनाने के लिए यूडी सेक्रेटरी को कहा, साथ ही LG ने अफसर को अपने सभी गलत काम डिफेंड करने को भी कहा है।’

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