Shiv Sena Breaking: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी ने करोड़ों का फंड किया ट्रांसफर, आयोग के फैसले के बाद उठाया कदम
दरअसल चुनाव आयोग के फैसले के कुछ घंटे बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। वहीं, राज्य भर से दोनों तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। शनिवार को कलीनगर में उद्धव ठाकरे ने बड़े पैमाने पर जमा हुए कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। महाराष्ट्र टाइम्स के मुताबिक, विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि पार्टी का फंड ठाकरे गुट से ट्रांसफर किया गया क्योंकि यह अनुमान लगाया गया था कि सत्ता संघर्ष की सुनवाई में चुनाव आयोग का फैसला उनके खिलाफ जाएगा। इसके लिए बैंक में नया खाता खोला गया और उसमें करोड़ों का पार्टी फंड ट्रांसफर किया गया।
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उद्धव गुट ने क्यों उठाया ये कदम
अगर शिवसेना पार्टी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने कब्जे में ले लिया है, तो वे पार्टी के फंड पर भी दावा कर सकते हैं। यही वजह है कि माना जाता है कि फंड को पहले ही डायवर्ट कर दिया गया था। इस बीच इस पार्टी फंड की करोड़ों की सही राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला
शिवसेना में दो गुटों के बाद राज्य में शुरू हुए सत्ता संघर्ष पर चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहे थे। चुनाव आयोग ने पहले यह फैसला लिया कि शिवसेना पार्टी किसकी है और किसे इस नाम और पार्टी के चुनाव चिह्न धनुष-बाण का इस्तेमाल करना चाहिए। यह फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में आने के बाद शिंदे गुट के समर्थकों में एक ही खुशी का माहौल शुरू हो गया।
आयोग के फैसले पर उद्धव गुट का हमला
उधर, ठाकरे गुट ने इस फैसले पर जोरदार हमला बोला। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने तो हम पर हमारा लोगों और नाम चुराने का आरोप तक लगा दिया। नाम और सिंबल मिलने के बाद अब पार्टी फंड को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है, वहीं चर्चा चल रही है कि क्या एकनाथ शिंदे शिवसेना भवन पर दावा ठोंकेंगे।