RRTS Project: आकार लेने लगे आरआरटीएस स्टेशन, तेजी से पूरी हो रहीं जरूरी सुविधाएं, गाजियाबाद का अपडेट जानिए
केंटीलीवर प्रक्रिया के तहत एक कतार में निर्मित किए गए 11 पिलर्स पर क्रॉसआर्म बनाकर स्टेशन की ऊपरी मंजिलें निर्मित की गई हैं। यह स्टेशन तेजी से आकार ले रहा है। स्टेशन में स्लैब कास्टिंग के साथ-साथ सिग्नलिंग और टेलीकॉम उपकरण कक्ष का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो गया है। ऑग्जिलरी सब स्टेशन (एएसएस) कक्ष का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। एएसएस कक्ष से ही पूरे स्टेशन में विद्युत की आपूर्ति की जाती है। अगले चरण में स्टेशन में सीढ़ियों और दो प्रवेश और निकास द्वार का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। यात्रियों की रोजाना यातायात की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस स्टेशन की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि ज्यादा से ज्यादा लोग दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस सुविधा का लाभ उठा सकें। मोदीनगर नॉर्थ आरआरटीएस स्टेशन के आसपास मोदीनगर के अधिकतर अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स तथा कई इंजीनियरिंग, साइंस व आर्ट्स कॉलेज स्थित हैं। यहां आने-जाने वाले लोगों को आरआरटीएस सेवा शुरू होने से काफी लाभ होगा।
महत्वपूर्ण होगा यह स्टेशन
मोदीनगर नॉर्थ स्टेशन आरआरटीएस की नई यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस 215 मीटर लंबे और 25 मीटर चौड़े एलिवेटेड स्टेशन में तीन लेवल हैं- ग्राउंड लेवल, कॉनकोर्स लेवल और प्लैटफॉर्म लेवल। यात्रियों की सुविधा के लिए ग्राउंड लेवल पर स्टेशन के दोनों तरफ एक-एक प्रवेश और निकास द्वार बनाया जाएगा। दिल्ली-मेरठ मार्ग पर परिवहन को किसी प्रकार से बाधित न करते हुए एवं सड़क पर न्यूनतम फुटप्रिंट के साथ इस स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। मोदी नगर के क्षेत्र में यात्रियों की सुविधा के लिए दो आरआरटीएस स्टेशन, मोदी नगर नॉर्थ और मोदी नगर साउथ बनाए जा रहे हैं। मोदी नगर क्षेत्र में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए किया जा रहा पिलर निर्माण का कार्य अपने अंतिम चरण में है। साथ ही तैयार हो चुके पिलर्स पर वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है।
इसी साल शुरू होगा संचालन
आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद-दुहाई) का संचालन इसी वर्ष शुरू किया जाना है, जिसके लिए एनसीआरटीसी द्वारा लगातार आरआरटीएस ट्रेनों की टेस्टिंग की जा रही है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) एनसीआर में यात्रियों को आधुनिक, वातानुकूलित, तेज और विश्वसनीय परिवहन सेवा प्रदान करेगा। वहीं, दिल्ली से मेरठ तक संपूर्ण कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 में शुरू करने का लक्ष्य है।