जंग जीतने की हसरत, लेकिन जिंदगी से हार गई सीआरपीएफ की जवान, उसकी कहानी जान आंखों में आ जाएंगे आंसू
पढ़ाई के दौरान हुआ प्यार
सुमित्रा छतरपुर जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के नांद गांव की रहने वाली थी। परिवार में उसके बुजुर्ग माता पिता के अलावा एक छोटा भाई भी है। सुमित्रा बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहती थी। छतरपुर में रहकर पढ़ाई करते हुए उसका प्रेम प्रसंग टीकमगढ़ जिले के जतारा में रहने वाले लल्लू यादव नाम के एक युवक से हो गया।
परिवार से विद्रोह कर की शादी
इसी बीच 2017 में सुमित्रा की CRPF में नौकरी लग गई। वह ट्रेनिंग के लिए चली गई। नौकरी के तीन साल बाद 2020 में सुमित्रा ने परिवार से विद्रोह कर लल्लू से शादी कर ली। सुमित्रा के परिवार के लोग इस शादी से खासे नाराज थे।
पहले से शादीशुदा था सुमित्रा का पति
शादी के कुछ एक साल बाद ही सुमित्रा और लल्लू यादव के बीच विवाद होने लगे। सुमित्रा के पिता बलराम यादव का कहना है कि लल्लू की पहले भी एक शादी हो चुकी थी। पहली पत्नी से उसके बच्चे भी थे। लल्लू के बारे में यह बात पता चलने पर सुमित्रा नाराज हो गई थी।वह लल्लू से दूर रहने लगी थी। कुछ महीने पहले ही लल्लू ने उसको बहला- फुसलाकर वापस अपने गांव लिधौरा बुला लिया था।
फांसी के फंदे पर लटकी मिली सुमित्रा
13 फरवरी को सुमित्रा लिधौरा गांव में बने मकान में फांसी के फंदे पर लटकी मिली। ससुराल पक्ष के लोगों ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस और बाद में सुमित्रा के मायके पक्ष के लोग वहां पहुंचे। सुमित्रा के पिता ने एक बार फिर सुमित्रा के पति लल्लू यादव पर आरोप लगाया कि उसकी बेटी को मार कर लटका दिया गया है।
पति पर दहेज मांगने का आरोप
सुमित्रा के पिता बलराम यादव का आरोप है कि लल्लू यादव पिछले कुछ महीनों से उनकी बेटी से 10 लाख रुपए की मांग कर रहा था जिसको लेकर सुमित्रा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा भी की थी। मामले में टीकमगढ़ पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए जांच शुरू कर दी है।