SBI Home Loan Rate: एसबीआई ने दूसरी बार MCLR में किया इजाफा, क्या होता है ये? किस तरह आपकी जेब पर पड़ेगा असर
क्या होता है MCLR
बता दें कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। भारत में नोटबंदी के बाद से इसे लागू किया गया है जिसकी वजह से लोन लेना थोड़ा आसान हो गया है। बैंकों से लोन लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में आरबीआई ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी। इसका इस्तेमाल कमर्शियल बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए करते हैं। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका कैलकुलेशन फंड की मार्जिन कास्ट, टर्म प्रीमियम, ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस और कैश रिजर्व रेशियो को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए हैं।
होम लोन हो गया महंगा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर लोन (SBI interest rate) महंगे कर दिया है। बैंक ने ने सभी टेन्योर के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी एमसीएलआर (MCLR) में 0.10 फीसदी का इजाफा किया है। इससे होम लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। अभी हाल ही में आरबीआई (RBI) ने छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इसके बाद कई बैंकों ने लोन महंगा कर दिया है। होम लोन महंगा होने से आम आदमी को महंगाई का झटका लगा है।