झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर तेजस्वी के समर्थन से सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा

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झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर तेजस्वी के समर्थन से सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा

झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर तेजस्वी के समर्थन से सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा


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बेगूसराय। हमारे प्रतिनिधि

झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के मुद्दे पर बिहार के डि्पटी सीएम तेजस्वी यादव का समर्थन देना दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। यह नीति समाज को विभाजन करने वाली है। इससे सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा। वर्ष 2000 से पहले झारखंड भी बिहार का ही हिस्सा था। झारखंड में कई ऐसे इलाके हैं जहां 1964 में सर्वे हुआ। इसपर सम्यक नीति की जरूरत है। तेजस्वी यादव को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। ये बातें झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने हिन्दुस्तान से खास बातचीत में कही। वे वरिष्ठ पत्रकार विजय मिश्रा की माता व वामपंथी विचारधारा से जुड़ी आशा मिश्रा की श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करने पहुंचे थे।

उन्होंने कहा कि आज राजनीति में क्षरण हो रहा है। पहले वैचारिक मतभिन्नता के बाद भी राजनेता व्यक्तिगत तौर पर एक दूसरे का सम्मान करते थे। अब वो बात नहीं रह गई है। प्रधानमंत्री विपक्ष पर हमले करने के दौरान राजनीतिक मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। आज यही राजनीतिक संस्कृति हो गई है। लोगों को खुश करने के लिए नेता व मंत्री अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं। अडानी प्रकरण के सवाल पर कहा कि पहले की भी सरकारों का औद्योगिक घरानों से बेहतर संबंध होता था। उन्हें बचाने के लिए सरकारें प्रयास करती रही हैं।

जिम्मेदार पदों पर आसीन लोगों को सोच समझर बयान देना चाहिए

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से पंडितों द्वारा जाति बनाने के बयान पर कहा कि जिम्मेदार पद पर आसीन लोगों को सोच समझकर बयान देना चाहिए। ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जिससे कि बाद में स्पष्टीकरण देने की नौबत आये। पूर्व सीएम लालू प्रसाद को चारा घोटाला में फंसाये जाने के सीएम नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि उन्हें फंसाया कौन। नीतीश कुमार खुद लालू प्रसाद को इस मुद्दे पर घेरने वालों में प्रमुख थे।

कौन हैं सरयू राय

सरयू राय जाने माने भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वो उस समय राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गये जब 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को परास्त कर विधायक बने। दिसंबर 2019 तक वो जमशेदपुर पश्चिम सीट से बीजेपी के विधायक व झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। अविभाजित बिहार में 1994 में पशुपालन घोटाले का भंडाफोड़ किया था। इसके फलस्वरूप राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को जेल की हवा खानी पड़ी। 1980 में किसानों को आपूर्ति होने वाले घटिया खाद, बीज व नकली कीटनाशकों का वितरण करने वाली सहकारिता संस्था के खिलाफ आवाज उठाई थी। सरयू राय ने ही अलकतरा घोटाले का भंडाफोड़ किया। झारखंड के खनन घोटाले को उजागर करने में भी सरयू राय की अहम भूमिका बताई जाती है।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।

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