Gautam Adani: जानते हैं कहां से आया हिंडनबर्ग का नाम? अमेरिकी रिसर्च फर्म के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
क्यों रखा गया हिंडनबर्ग नाम?
हिंडनबर्ग के नाम के पीछे एक कहानी है। बात साल 1937 की है। इस दौरान जर्मनी में हिटलर का राज था। इस दौर में एक स्पेसशिप था, जिसका नाम हिंडनबर्ग स्पेसशिप था। अमेरिका के न्यूजर्सी में इस स्पेसशिप को ज़मीन से जो लोग देख रहे थे, उन्हें तभी कुछ असामान्य दिखा। एक धमाके के साथ आसमान में दिख रहे हिंडनबर्ग स्पेसशिप में आग लग गई। लोगों के चीखने की आवाजें सुनाई देने लगीं। इसके बाद यह स्पेसशिप जमीन पर गिर गया। कुछ लोगों को बचाया जा सका और कुछ को नहीं। इस स्पेसशिप में 16 हाइड्रोजन गैस के गुब्बारे थे। ऐसा बताया जाता है कि स्पेसशिप में क़रीब 100 लोगों को जबरन बैठा दिया गया था। गौतम अडानी के खिलाफ रिपोर्ट लाने वाली रिसर्च कंपनी का नाम हिंडनबर्ग भी इसी हादसे से जोड़कर रखा गया है। कंपनी के मुताबिक, वह हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज पर शेयर बाजार में हो रही गड़बड़ियों पर निगरानी रखती है। कंपनी का कहना है कि वह लोगों को शेयर बाजार में ऐसे वित्तीय हादसों से बचाने का काम करती है।
कई कंपनियों के खिलाफ निकाली है रिपोर्ट
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप से पहले कई कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट निकाली है। ये कंपनी किसी भी कंपनी को टारगेट करके उसमें गड़बड़ियां निकालती है। इस रिपोर्ट के कारण जब कंपनी के शेयर गिर जाते हैं तो वो उसे खरीदकर ये प्रॉफिट कमाती है। हिंडनबर्ग ने साल 2020 में करीब 16 रिपोर्ट जारी किए थे। इन रिपोर्ट के कारण कंपनियों के शेयरों में औसत तौर पर 15 फीसदी की गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने Nikola, SCWORX , Genius Brand, Ideanomic , उसने विंस फाइनेंस, जीनियस ब्रांड्स, SC Wrox, एचएफ फूड, ब्लूम एनर्जी, Aphria, ट्विटर इंक जैसी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट निकाले हैं। इसके बाद इन कंपनियों के शेयरों को शॉर्ट सेलिंग करके कमाई की है।