मुझे फर्क नहीं पड़ता कोई कुछ भी बोले, Gehlot को लेकर Pilot के नरम हुए तेवर कर रहे किस ओर इशारे

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मुझे फर्क नहीं पड़ता कोई कुछ भी बोले, Gehlot को लेकर Pilot के नरम हुए तेवर कर रहे किस ओर इशारे

मुझे फर्क नहीं पड़ता कोई कुछ भी बोले, Gehlot को लेकर Pilot के नरम हुए तेवर कर रहे किस ओर इशारे


टोंक : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Ashok gehlot Vs Sachin Pilot) के बीच शुरू हुई तनातनी का ज्वार एक बार फिर शांत हो गया। बीते सप्ताह पायलट की पांच दिवसीय जनसभा हुई, जिसमें सचिन और उनके समर्थक इशारों में अपनी ही सरकार को घेरते हुए नजर आए। वहीं अशोक गहलोत ने भी इशारों में पायलट को कोरोना बता दिया। इस सियासी छींटाकशी के बीच सोमवार को एक बार फिर सियासी बवाल थमता दिखा। सोमवार को सचिन पायलट चाकसू और इसके बाद टोंक जिले में पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए पायलट ने स्वर बदले- बदले दिखे। टोंक में जब कांग्रेस पार्टी में चल रहे अंतर्कलह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई उनके खिलाफ कुछ भी बोले उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। पायलट ने आगे कहा कि बस केवल पब्लिक की आवाज सुननी चाहिए। इस दौरान मीडिया में पायलट गहलोत के साथ चल रहे विवाद को लेकर बयान देने से बचते नजर आए।

ईआरसीपी प्रोजेक्ट के मुद्दे पर केंद्र को घेरा

इस मौके पर पायलट ने राजस्थान में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह विफल रही है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। इस दौरान सचिन पायलट ने मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ईआरसीपी योजना की घोषणा की है। लेकिन इसे लागू नहीं किया। अब तो इसे लागू करने के लिए केन्द्र को पैसे देना चाहिए।

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राजस्थान में फिर होगी कांग्रेस की सरकार रिपीट : पायलट

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के साथ पक्षपात किया है। यहां तक कि उन्होंने यूरिया का कोटा भी पर्याप्त नहीं दिया है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि राजस्थान की जनता भी कांग्रेस पर भरोसा कर चुकी है और अगली बार फिर वापस कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के बाद कांग्रेस मजबूत बनेगी और राजस्थान में वापस सरकार बनेगी।

चाकसू में अनुशासन की बात

इधर चाकसू में भी पूर्व सीएम सचिन पायलट बदले-बदले नजर आए। चाकसू के राजकीय कन्या महाविद्यालय के कार्यक्रम में संबोधन के दौरान पायलट ने जनता के बीच अनुशासन का पाठ रखा। सचिन पायलट ने कहा कि हमारी पार्टी बहुत पुरानी है। अनुशासन जरूरी है। चाहे कोई भी व्यक्ति अनुशासन को तोड़ता है, चाहे वह कितना बड़ा, कोई पोस्ट पर हो, लेकिन अनुशासन पार्टी में सबके लिए बराबर है। मुझे लगता है कि जो भी निर्णय करना है, क्या करना है। वह पार्टी नेतृत्व का काम है। एआईसीसी का काम है।

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