सवाल 47- इतिहास में कितने ऐसे दंगे जो बहुत ही भयावह रहे?

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सवाल 47- इतिहास में कितने ऐसे दंगे जो बहुत ही भयावह रहे?

भारत में कई संस्कृतियां, कई रिवाज, और कई प्रथाएं है. लेकिन देश में कई बार ऐसे मौके आए है जब हमारी एकता पर किसी न किसी ने बुरी नजर लगाने की कोशिश की है, साथ ही वह अपने मकसद में बखूबी सफल भी हो गए है. किसी ने सत्ता की कुर्सी पाने के लिए, तो किसी ने धर्म के आड़ में ये सब किया है बता दे कि आजादी से पहले और आजादी के बाद भारत में कई भयावह दंगे हुए है वैसे देश में अभी भी ऐसा होता है, लेकिन कुछ ऐसे भी दंगे हुए है जिन्हें याद कर हमारी रूह कांप जाती है. जिसे कोई भी दोहराना नही चाहेगा.


कलकत्ता दंगा 1946
सन 1946 में कलकत्ता में हुए इन दंगों को “डायरेक्ट एक्शन दिवस” के नाम से भी जाना जाता है. इसमें 4,000 लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी, और 10,000 से भी ज़्यादा लोग घायल हुए थे. हिंदू-मुस्लिम समुदाय में होने वाली हिंसा के कारण यह दंगा हुआ था. सीधी कार्रवाई’ मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की माँग को तत्काल स्वीकार करने के लिए चलाया गया अभियान था. यह 16 अगस्त 1946 को प्रारंभ हुआ,


सिख-विरोधी दंगा 1984

31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की मौत पर इस दंगे की शुरुआत हुई थी. इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी. जिसके बाद अगले दिन ही दंगे की शुरूआत हुई जो कई दिनों तक चला. जिसमें कई सिखों की हत्या हो गई थी.

कश्मीर दंगा 1986
ये दंगा कश्मीर में मुस्लिम कट्टरपंथी द्वारा कश्मीरी पंडितों को राज्य से बाहर निकलवाने की वजह से हुआ था. इस दंगे में 1000 से भी ज़्यादा लोगों की जानें गयी थीं, साथ ही कई हज़ार कश्मीरी पंडित भी बेघर हो गये थे.


वाराणसी दंगा 1989
वाराणसी को आस्था का शहर माना जाता है. इस पवित्र शहर में 1989, 1990 व 1992 में भयंकर दंगे हुए थे. इन दंगों का मुख्य कारण था. हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच पूजा पर विवाद, इस हिंसा में कई लोगों की जानें गईं और कई लोग बेघर हुए.


भागलपुर दंगा 1989
भागलपुर दंगा 1947 के बाद, भारतीय इतिहास के सबसे क्रूर दंगों में से एक था. यह दंगा अक्टूबर 1989 को भागलपुर में हुआ था. इसमें मुख्य रूप से हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे. इसके कारण करीब 1000 से ज़्यादा निर्दोषों को अपनी जानें गंवानी पड़ी.


मुंबई दंगा 1992
इस दंगे की मुख्य वजह बाबरी मस्जिद का विध्वंस था. इस हिंसा की शुरुआत दिसंबर में 1992 में हुई थी जो 1993 के जनवरी तक चली. इसमें करीब सैकड़ों लोगों की जानें गईं. इन हमलों का सरगना दाउद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी बतायी जाती है.


गुजरात दंगा 2002
वैसे तो देश में कई दंगे हुए, लेकिन गुजरात दंगे को देश के सबसे भयंकर दंगे के रूप में देखा जाता है. इसकी शुरुआत 2002 में हुई थी, जब कारसेवक अयोध्या से गुजरात साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन से लौट रहे थे. इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने इस ट्रेन की कई बोगियों को गोधरा में जला दिया. इस घटना में 59 कारसेवकों की मौत हो गई. जिसके बाद यह घटना एक बड़े दंगे के रूप में तब्दिल हो गयी, जिसमें करीब 2000 से अधिक लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गये थे.


अलीगढ़ दंगा 2006
अलीगढ़ को उत्तर प्रदेश का सांप्रदायिक दंगों से ग्रस्त शहर भी कहा जाता है. 5 अप्रैल 2006 को हिन्दुओं के पवित्र पर्व रामनवमी के अवसर पर हिंदू और मुसलमानों के बीच हिंसक दंगा हुआ, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई. और कुछ का इलाज चल रहा था. कहा जाता है कि यहां पर अकसर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं.


देगंगा दंगा 2010
पश्चिम बंगाल के देगंगा में कुछ अतिवादियों ने हिन्दू मंदिरों को तोड़ दिया, और मंदिर के खजाने को लूट लिया. जिसके कारण यहां पर दंगे हुए, जिसमें कुछ लोगों की हत्या हो गई और कुछ लोग घर से बेघर हो गये.


असम दंगा 2012
यह दंगा असम के कोकराझार में रह रहे बोडो जनजाती और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच हुआ था. इस दंगे में करीब 80 लोगों की मौत हुई और लाखों लोग बेघर हुए. यह मानव इतिहास का सबसे भयावह दंगा है.


मुज़फ्फरनगर दंगा 2013
उत्तरप्रदेश में कई ऐसे जिले हैं जो मुस्लिम बहुल हैं. मुज़फ्फरनगर उन्हीं जिलों में से एक है. 2013 में हिंदू और मुसलमान समुदाय के बीच भयानक दंगा हुआ जिसमें 48 लोगों की जानें गईं और 93 लोग घायल हुए. हालांकि यह मामला अब पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है.

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आशा करते है कि आप सभी को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. आप लोग ऐसे ही प्रश्न पूछते रहिए हम उन प्रश्नों के उत्तर आपको खोजकर देंगे. आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय और कमेंट करके अपने प्रश्नों को पूछ सकते है. इस सवाल को पूछने के लिए आपका धन्यवाद