बिहार में जाति आधारित गणनाः तालाबंद घरों में कैसे हो रही गणना?, अबतक 75 प्रतिशत कार्य पूरा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मॉनिटरिंग

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बिहार में जाति आधारित गणनाः तालाबंद घरों में कैसे हो रही गणना?, अबतक 75 प्रतिशत कार्य पूरा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मॉनिटरिंग

बिहार में जाति आधारित गणनाः तालाबंद घरों में कैसे हो रही गणना?, अबतक 75 प्रतिशत कार्य पूरा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मॉनिटरिंग


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बिहार में जाति आधारित गणना कार्य के पहले चरण का कार्य 21 जनवरी को पूरा हो जायेगा। इस चरण के तहत राज्यभर में सिर्फ उन्हीं घरों या बसावट की गणना हो रही है, जिनमें लोग रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति कहीं चले गये हैं और उनका घर बंद भी है, तो प्रगणक (गणनाकर्मी) पड़ोसी से जानकारी लेकर मकान नंबर और इनमें रहने वाले परिवारों की संख्या को मकान पर लाल चौखाना बनाकर इनमें अंकित कर दे रहे हैं। सूचना के अनुसार, राज्यभर में अब तक मकान की गणना का लगभग 75 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। इससे इसके निर्धारित समय पर पूरा होने की संभावना जतायी जा रही है। 

मकानों का गणना कार्य 21 जनवरी को पूरा होने के बाद सभी जिलों से इसकी समेकित सूची राज्य मुख्यालय में जाति आधारित गणना कार्य के लिए बनाये गए नोडल डिपार्टमेंट सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को भेजेंगे। इसके बाद इन्हें समाहित करके राज्यस्तर पर जिलावार सूची तैयार होगी। इससे पता चलेगा कि कितने मकानों या बसावटों में कितने परिवार रह रहे हैं। इसके बाद दूसरे चरण में इन परिवारों की जाति की गणना की जाएगी। अब तक की सूचना के अनुसार, दूसरे चरण की गणना का कार्य अप्रैल से शुरू होने की संभावना है। इससे पहले जाति आधारित गणना को करने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म के फॉरमेट को फाइनल किया जायेगा।

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क प्रगणक पर 150 घरों की गिनती करने की जवाबदेही 

सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति आधारित गणना के पहले चरण में चल रहे मकानों की गणना कार्य का सभी जिलों में समुचित मॉनिटरिंग करने के लिए एक-एक पदाधिकारी नामित किये गये हैं। इन पदाधिकारियों का दौरा संबंधित जिलों में चल रहा है। इसके अलावा राज्यस्तर पर इस कार्य के जीएडी के सचिव मो. सोहेल को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी निरंतर मीटिंग हो रही है। विभागीय अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार, अब तक किसी जिले से मकान की गणना के दौरान कोई समस्या सामने नहीं आयी है। गौरतलब है कि एक प्रगणक पर 150 घरों की गिनती करने की जवाबदेही है।

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जिलों में आ रही समस्याओं का स्थानीय स्तर से हो रहा समाधान 

किसी-किसी जिले से मकान और परिवार की गणना के दौरान घर के मुखिया का नाम पूछने पर कई लोगों के नाम बताने जैसी कुछ बातें सामने आयी हैं, लेकिन इससे गणना कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर संबंधित पदाधिकारी से लेकर डीएम इस तरह के मामले का समाधान कर ले रहे हैं। ऐसे भी इस पहले चरण में सिर्फ मकान पर संख्या देनी है और इनमें रहने वाले परिवार की संख्या ऑब्लिक करके मकान संख्या के साथ लिखना है। प्रगणक सिर्फ परिवार के मुखिया का नाम पूछ रहे हैं। उस मुखिया का हस्ताक्षर लेने की कोई अनिवार्यता नहीं है। अगर कोई परिवार नहर, सड़क, नदी किनारे या पाईप में रह रहे हैं, तो उनकी भी गणना करनी है।

 

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