फसल बीमा के मिले 2 पैसे, राजस्थान में किसानों के साथ ये कैसा भद्दा मजाक

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फसल बीमा के मिले 2 पैसे, राजस्थान में किसानों के साथ ये कैसा भद्दा मजाक

फसल बीमा के मिले 2 पैसे, राजस्थान में किसानों के साथ ये कैसा भद्दा मजाक


Rajasthan farmer News: राजस्थान में फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ भद्दा मजाक करने का मामला सामने आया है। यहां फसल बर्बाद होने पर कई किसानों को 2 पैसे और 5 पैसे मुआवजा के रूप में दिया गया है। इस तरह के ज्यादातर मामले बाड़मेर जिले में सामने आया है। इस मामले को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है।

 

जयपुर, बाड़मेर: राजस्थान के किसानों के साथ इन दिनों भद्दा मजाक हो रहा है। हाल ही में प्रदेश के किसानों को खरीफ की फसल की बीमा राशि जारी हुई है। साल 2021 के फसल खराब होने की बीमा क्लेम राशि एक साल बाद जारी हुई है। बाड़मेर जिले के कई किसानों को जारी हुई बीमा क्लेम राशि के कुछ स्क्रीन शॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इन स्क्रीन शॉटर्स से सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हैरान करने वाली बात यह है कि बाड़मेर जिले में कई किसानों को बीमा क्लेम के रूप में 2 पैसे, 3 पैसे और 5 पैसे मिले हैं। किसानों के जरिए जितना प्रीमियम भरा गया, फसल खराबी के बाद उतना क्लेम भी नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। फसल बीमा के नाम पर खेले गए इस घिनौने खेल के बाद प्रदेश के किसानों में भारी आक्रोश है।

सालभर के इंतजार के बाद जारी हुई थी राशि

हाल ही में बीमा क्लेम की जो राशि कंपनी की ओर से जारी की गई थी, वह पिछले साल के बीमा की क्लेम राशि है। फसल खराबे के बाद राज्य सरकार ने गिरदावरी करवाई। इसके बाद लंबे समय तक सरकार और किसानों ने बीमा क्लेम की राशि जारी करने के लिए संघर्ष किया। बीमा के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ प्रीमियम की राशि का हिस्सा किसान भी जमा कराते हैं। लंबी जद्दोजहद के बाद इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा क्लेम की राशि जारी की प्रीमियम के रूप 411 करोड़ रुपये बीमा कंपनी में जमा कराए गए थे, लेकिन बीमा क्लेम ने महज 311 करोड़ रुपये का क्लेम रिलीज किया। यानी कंपनी ने 100 करोड़ रुपये डकार लिए। हालांकि क्लेम की राशि का निर्धारण गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर तय होता है। पटवारी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट को राज्य सरकार कंपनी को भेजती है, जिसके आधार पर कंपनी बीमा क्लेम की राशि जारी करती है।

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केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

किसानों को 2 पैसे, 3 पैसे और 5 पैसे के जारी हुए बीमा क्लेम के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। चौधरी ने कहा कि बीमा क्लेम की राशि राज्य सरकार की रिपोर्ट पर इश्योरेंस कंपनी जारी करती है। राज्य सरकार ने किसानों के फसल खराबे की अनदेखी करते हुए सही रिपोर्ट तैयार नहीं की। जिसका खामियाजा प्रदेश के हजारों किसानों को भुगतना पड़ रहा है। कैलाश चौधरी का कहना है कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इस मामले की पूरी तरह से जांच करवाई जाएगी कि क्लेम की राशि खराबे के अनुसार क्यों नहीं जारी की गई। चौधरी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रही है जबकि यह विषय राज्य सरकार का है।
रिपोर्ट: रामस्वरूप लामरोड़

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