कंझावला केस: शव निकालने पर हत्या के केस में फंसने का था डर, दिल्ली पुलिस के सामने कबूली यह बात
निधि के खिलाफ बातों का इस केस से लेना-देना नहीं- पुलिस
उधर, जांच टीम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि निधि के खिलाफ जितनी भी बातें उछल रही हैं। उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है। पुलिस निधि की काउंसलिंग करा चुकी है। फिर उसका 164 का बयान अदालत में दर्ज करवाया था। पुलिस का कहना है कि अदालत में उसने घटना को लेकर जो कुछ भी बताया है, उसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर सकती है। निधि मामले की चश्मदीद है, जिसके आधार पर पुलिस इस मामले में शामिल आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएगी। वह बाहर क्या बोल रही है या उसके खिलाफ आगरा में दो साल पहले कोई मामला दर्ज है, उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है।
पता था कार के नीचे फंसी है लड़की
सूत्रों के अनुसार, रिमांड पर चल रहे आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उस रात उन्हें मालूम था कि कार के नीचे लड़की फंसी हुई है। एक्सिडेंट के तुरंत बाद उन्हें कुछ दूर ऐसा लगा कि शायद लड़की उन्हें रोकने के लिए कार से जानबूझकर लटक गई है, लेकिन बगल में बैठे मनोज मित्तल ने जब आगे जाकर शीशा नीचे करके झांककर देखा तो वे सभी डर गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में आरोपियों को लगा कि अगर कार रोककर लड़की को खींचकर निकाला, तो वे हत्या के केस में फंस सकते हैं। आरोपियों को यह भी मालूम था कि आबादी वाले एरिया में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ऐसे में कार से निकले नहीं। कार को वहां से सुनसान रास्ते होते हुए हरियाणा बॉर्डर के निकट जोंती गांव तक जा पहुंचे। इसके बाद एक जगह गड्डे पर आगे पीछे कर कार को झटका दिया, जिससे नीचे फंसी लड़की बाहर निकन जाए। जांच टीम से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है।