भोपाल में करणी सेना की हुंकार, जीवन सिंह शेरपुर सहित 5 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे
करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना है कि हमारा आंदोलन दिल्ली के किसान आंदोलन की तरह ही तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार हमारी मांगे मान नहीं लेती। करणी सेना के कार्यकर्ता ट्रकों और अन्य वाहनों में राशन पानी लेकर भी आए हैं। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह आंदोलन लंबे समय तक चल सकता है।
कई लोग घर लौटे, कई डटे
शनिवार शाम से भोपाल पहुंचे करणी सेना के कई कार्यकर्ता रविवार शाम होते होते अपने घर लौट गए, लेकिन हजारों लोग अभी भी धरना स्थल पर डटे हुए हैं। करणी सैनिकों ने जीवन सिंह शेरपुर के समर्थन में मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया।
नारों से गूंजा जंबूरी मैदान
राजधानी भोपाल स्थित बेल के जंबूरी मैदान में रविवार रात ‘मध्यप्रदेश का एक ही किंग जीवन’ के नारे सुनाई दिए। लोगों ने नारेबाजी करके शेरपुर का समर्थन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता ‘माई के लाल’ और ‘जय भवानी’ के नारे लगाते नजर आए।
कोई भी उद्दंडता न करे : शेरपुर
करणी सेना के प्रमुख जीवन जीवन सिंह शेरपुर ने आंदोलन में आए हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारे आंदोलन में किसी प्रकार की हिंसा तोड़फोड़ और उद्दंडता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
विधानसभा घेराव टाला
करणी सेना ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर शाम 4:00 बजे तक उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो विधानसभा का घेराव करेंगे। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा होने के बाद घेराव आगामी कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया।
तो लड़ेंगे चुनाव…
भोपाल में हो रहे आंदोलन में मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली से भी करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो हम राजनीति में उतरकर भाजपा को हराएंगे। उन्होंने कहा कि सवर्णों, पिछड़ा वर्ग का साथ भी हमें मिल रहा है। हम व्यवस्था में सुधार के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं।
शुरू हुई राजनीति, कमल नाथ ने शिवराज को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि भोपाल के जंबूरी मैदान में देश प्रदेश के हजारों युवा व्यवस्था में सुधार को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार द्वारा कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कराना, परिवहन व्यवस्था में बाधा डालना और युवाओं के दबाब में पुनः अनुमति देना, पूरे आंदोलन को बाधित करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में शिवराज सरकार के विश्वास न होने को दर्शाता है।
सीएम से मुलाकात के बाद भड़का संगठन
दरअसल, 5 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास में क्षत्रिय समागम का कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने रानी पद्मावती का स्मारक बनाने का ऐलान करते हुए महाराणा प्रताप जयंती पर छुट्टी करने सहित करीब डेढ़ दर्जन घोषणाएं कीं। इस कार्यक्रम को जीवन सिंह शेरपुर ने बीजेपी नेताओं का प्रोग्राम करार दिया और 8 जनवरी का कार्यक्रम और ज्यादा भीड़ के साथ करने का ऐलान कर दिया।
रिपोर्ट : दीपक राय