sidhi: यहां झूठी रिपोर्ट भेजकर वाहवाही लूट रहे अधिकारी | sidhi: Officers looting accolades by sending false reports here | Patrika News h3>
सतनाPublished: Dec 23, 2022 08:53:52 pm
जलजीवन मिशन: रिकार्ड में योजनाओं से पेयजल सप्लाई, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ
-तमाम प्रयाश के बाद भी निर्माण कार्यों में नहीं आ रही तेजी
-प्रथम फेज के तहत स्वीकृत नल जल योजनाओं का नहीं पूरा हो पाया कार्य
-ऐसे में कैसे घर-घर पहुंचेगा पेयजल
-कागजी खानापूर्ति करने में जुटे अधिकारी
-प्रशासन को भेजी जा रही झूठी रिपोर्ट
sidhi: Officers looting accolades by sending false reports here
सीधी। जिले में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत की गई नल जल योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं। जिले में नल जल योजनाओं के चौथे चरण का कार्य स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आलम यह है की पहले चरण में स्वीकृत योजनाएं ही पूर्ण नहीं हो पा रही हैं। संविदाकारों की लापरवाही के चलते पहले चरण की योजनाओं के पूर्ण न हो पाने से लोगों को योजनाओं के माध्यम से पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है, इधर विभागीय रिकार्ड में ज्यादातर योजनाओं को पूर्ण बताकर वाहवाही लूटी जा रही है। जबकि ग्राम पंचायतों में हकीकत यह है की वाटर हेड का निर्माण हो गया, घर-घर नल कनेक्शन भी दे दिया गया, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते योजनाओं के माध्यम से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है।
बता दें की सीधी जिले में जल जीवन मिषन के तहत पहले चरण में 35 ग्राम पंचायतों के 37 ग्राामों में नल जल योजना का कार्य स्वीकृत हुआ था। विभाग द्वारा संबंधित संविदाकारों को अक्टूबर 2021 तक ही कार्य पूर्ण कर पानी सप्लाई शुरू करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी, विभागीय रिकार्ड में तो ज्यादातर योजनाओं को पूर्ण दर्शाकर पेयजल की सप्लाई चालू बताई जा रही है, लेकिन ज्यादातर योजनाओं से पानी की सप्लाई अभी भी शुरू नहीं हो पाई है।
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योजनाओं से पानी आने का इंतजार कर रहे ग्रामीण-
जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल की टोंटी के माध्यम से पानी पहुंचाने के लगातार दावे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे हैं। लेकिन जिले में जल जीवन मिशन का दम निकल रहा है। जिन गांवों में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, वहां का निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, जहां कार्य पूर्ण भी हो गया है, वहां पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है। गांव में नलों के कनेक्शन भी अधूरे किये गए हैं। ग्रामीण योजनाओं के माध्यम से पानी आने की राह तक रहे हैं, लेकिन कब तक उन्हें इन योजनाओं के माध्यम से पानी मिलेगा कोई बताने वाला नहीं है।
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योजनाओं की स्थिति-
केस नंबर-1
भुईमाड़ में बिजली कनेक्शन का पेंच-
जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी के भुईमाड़ में पुरानी योजना से लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा था, यहां जलजीवन मिशन के पहले चरण में रेट्रोफिटिंग के तहत 242.90 लाख रुपये की लागत से पेयजल योजना स्वीकृत की गई, योजना का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है, वाटर हेड तैयार हो गया है, लोगों के घरों में कनेक्शन भी हो गया है, लेकिन अभी तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। विभागीय रिकार्ड में यहां पेयजल की सप्लाई चालू होना बताया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों को योजना के माध्यम से बंूद भर पानी नहीं मिल पा रहा है। बताया गया की यहां योजना में बिजली कनेक्शन को लेकर कुछ अड़चन है, संविदाकार द्वारा एक दो दिन में योजना से पानी सप्लाई की बात कही जा रही है।
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केस नंबर-2
सांसद के गांव में मनमानी, नोटिस के बाद आई तेजी-
जल जीवन मिशन के तहत पहले चरण में बहरी तहसील के पतलुखी गांव में भी नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य 194.14 लाख की लागत से आयान क्रांस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था। यह सांसद रीती पाठक का गृह ग्राम है। कंपनी को अनुबंध अनुसार 31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में कार्य पूर्ण करने की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन अभी तक योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जबकी विभागीय रिकार्ड में योजना से पेयजल प्रदाय की स्थिति प्रारंभ बताई जा रही है। सांसद की नाराजगी के बाद पूर्व कलेक्टर द्वारा संविदाकार को ब्लेक लिस्टेड करने के आदेश दिये गए थे, जिसके बाद काम में तेजी लाई गई है। लेकिन अभी जल प्रदाय शुरू नहीं हुआ है।
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केस नंबर-3
मयापुर में कार्य पूर्ण लेकिन नहीं हो रही पानी की सप्लाई-
कुछ ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत लौआ के ग्राम मयापुर में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत नल जल योजना का है। यहां 57.87 लाख की लागत से नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य मनीष कास्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था। यहां 99 घरों में नल कनेक्शन दिया जाना स्वीकृत किया गया था, जिसमें से विभागीय रिकार्ड के अनुसार 65 घरों में नल कनेक्शन किया जाकर योजना को चालू कर दिया गया है। लेकिन हकीकत इससे इतर है। संविदाकार द्वारा दिये गए कनेक्शन में अभी टोंटी नहीं लगाई गई है, जिससे पानी सप्लाई चालू करने पर सडक़ में पानी बहने लगता है, जिसके कारण पानी सप्लाई बंंद कर दी गई है।
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केस नंबर-4
चमरौंहा में मोटर जलने से बंद हो गई सप्लाई-
सिहावल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चमरौंहा में 247.10 लाख की लागत से स्वीकृत नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य पूर्ण तो हो चुका है, करीब एक पखवाड़े तक पानी की सप्लाई भी हुई, लेकिन इसके बाद जल प्रदाय योजना का मोटर पंप जल गया, मोटर पंप जले एक माह से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन संविदाकार द्वारा इसका न तो सुधार कराया गया और न ही मोटर पंप बदला गया, लिहाजा जल प्रदाय योजना बंद पड़ी हुई है।
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जल जीवन मिशन के तहत जिले में पहले चरण में स्वीकृत नल जल योजनाओं की स्थिति-
विकासखंड – स्वीकृत योजनाएं – लागत राशि
ेकुसमी – 02 – 320.04
मझौली – 03 – 722.88
रामपुर नैकिन – 08 – 706.63
सीधी – 07 – 1183.77
सिहावल – 17 – 2993.33
कुल – 37 – 5926.65 (राशि लाख में)
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ज्यादातर योजनाएं चालू स्थिति में-
जिले में पहले व दूसरे चरण में स्वीकृत नल जल योजनाओं में से 47 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 130 प्रगतिरत हैं। लापरवाह संविदाकारों को नोटिस जारी की गई थी, जिसके बाद उनके द्वारा कार्य में तेजी लाई गई है, कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है। पूर्ण योजनाओं में जो कुछ तकनीकी खामियों से बंद होंगी, उन्हें दुरूस्त कराकर जल प्रदाय शुरू कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
एसएल धुर्वे, कार्यपालन यंत्री पीएचई
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सतनाPublished: Dec 23, 2022 08:53:52 pm
जलजीवन मिशन: रिकार्ड में योजनाओं से पेयजल सप्लाई, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ
-तमाम प्रयाश के बाद भी निर्माण कार्यों में नहीं आ रही तेजी
-प्रथम फेज के तहत स्वीकृत नल जल योजनाओं का नहीं पूरा हो पाया कार्य
-ऐसे में कैसे घर-घर पहुंचेगा पेयजल
-कागजी खानापूर्ति करने में जुटे अधिकारी
-प्रशासन को भेजी जा रही झूठी रिपोर्ट
sidhi: Officers looting accolades by sending false reports here
सीधी। जिले में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत की गई नल जल योजनाएं लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं। जिले में नल जल योजनाओं के चौथे चरण का कार्य स्वीकृत हो चुका है, लेकिन आलम यह है की पहले चरण में स्वीकृत योजनाएं ही पूर्ण नहीं हो पा रही हैं। संविदाकारों की लापरवाही के चलते पहले चरण की योजनाओं के पूर्ण न हो पाने से लोगों को योजनाओं के माध्यम से पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है, इधर विभागीय रिकार्ड में ज्यादातर योजनाओं को पूर्ण बताकर वाहवाही लूटी जा रही है। जबकि ग्राम पंचायतों में हकीकत यह है की वाटर हेड का निर्माण हो गया, घर-घर नल कनेक्शन भी दे दिया गया, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते योजनाओं के माध्यम से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है।
बता दें की सीधी जिले में जल जीवन मिषन के तहत पहले चरण में 35 ग्राम पंचायतों के 37 ग्राामों में नल जल योजना का कार्य स्वीकृत हुआ था। विभाग द्वारा संबंधित संविदाकारों को अक्टूबर 2021 तक ही कार्य पूर्ण कर पानी सप्लाई शुरू करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी, विभागीय रिकार्ड में तो ज्यादातर योजनाओं को पूर्ण दर्शाकर पेयजल की सप्लाई चालू बताई जा रही है, लेकिन ज्यादातर योजनाओं से पानी की सप्लाई अभी भी शुरू नहीं हो पाई है।
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योजनाओं से पानी आने का इंतजार कर रहे ग्रामीण-
जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल की टोंटी के माध्यम से पानी पहुंचाने के लगातार दावे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे हैं। लेकिन जिले में जल जीवन मिशन का दम निकल रहा है। जिन गांवों में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजनाएं स्वीकृत हुई हैं, वहां का निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, जहां कार्य पूर्ण भी हो गया है, वहां पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है। गांव में नलों के कनेक्शन भी अधूरे किये गए हैं। ग्रामीण योजनाओं के माध्यम से पानी आने की राह तक रहे हैं, लेकिन कब तक उन्हें इन योजनाओं के माध्यम से पानी मिलेगा कोई बताने वाला नहीं है।
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योजनाओं की स्थिति-
केस नंबर-1
भुईमाड़ में बिजली कनेक्शन का पेंच-
जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी के भुईमाड़ में पुरानी योजना से लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा था, यहां जलजीवन मिशन के पहले चरण में रेट्रोफिटिंग के तहत 242.90 लाख रुपये की लागत से पेयजल योजना स्वीकृत की गई, योजना का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है, वाटर हेड तैयार हो गया है, लोगों के घरों में कनेक्शन भी हो गया है, लेकिन अभी तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है। विभागीय रिकार्ड में यहां पेयजल की सप्लाई चालू होना बताया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों को योजना के माध्यम से बंूद भर पानी नहीं मिल पा रहा है। बताया गया की यहां योजना में बिजली कनेक्शन को लेकर कुछ अड़चन है, संविदाकार द्वारा एक दो दिन में योजना से पानी सप्लाई की बात कही जा रही है।
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केस नंबर-2
सांसद के गांव में मनमानी, नोटिस के बाद आई तेजी-
जल जीवन मिशन के तहत पहले चरण में बहरी तहसील के पतलुखी गांव में भी नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य 194.14 लाख की लागत से आयान क्रांस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था। यह सांसद रीती पाठक का गृह ग्राम है। कंपनी को अनुबंध अनुसार 31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में कार्य पूर्ण करने की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन अभी तक योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जबकी विभागीय रिकार्ड में योजना से पेयजल प्रदाय की स्थिति प्रारंभ बताई जा रही है। सांसद की नाराजगी के बाद पूर्व कलेक्टर द्वारा संविदाकार को ब्लेक लिस्टेड करने के आदेश दिये गए थे, जिसके बाद काम में तेजी लाई गई है। लेकिन अभी जल प्रदाय शुरू नहीं हुआ है।
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केस नंबर-3
मयापुर में कार्य पूर्ण लेकिन नहीं हो रही पानी की सप्लाई-
कुछ ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत लौआ के ग्राम मयापुर में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत नल जल योजना का है। यहां 57.87 लाख की लागत से नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य मनीष कास्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था। यहां 99 घरों में नल कनेक्शन दिया जाना स्वीकृत किया गया था, जिसमें से विभागीय रिकार्ड के अनुसार 65 घरों में नल कनेक्शन किया जाकर योजना को चालू कर दिया गया है। लेकिन हकीकत इससे इतर है। संविदाकार द्वारा दिये गए कनेक्शन में अभी टोंटी नहीं लगाई गई है, जिससे पानी सप्लाई चालू करने पर सडक़ में पानी बहने लगता है, जिसके कारण पानी सप्लाई बंंद कर दी गई है।
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केस नंबर-4
चमरौंहा में मोटर जलने से बंद हो गई सप्लाई-
सिहावल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चमरौंहा में 247.10 लाख की लागत से स्वीकृत नल जल योजना के रेट्रोफिटिंग का कार्य पूर्ण तो हो चुका है, करीब एक पखवाड़े तक पानी की सप्लाई भी हुई, लेकिन इसके बाद जल प्रदाय योजना का मोटर पंप जल गया, मोटर पंप जले एक माह से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन संविदाकार द्वारा इसका न तो सुधार कराया गया और न ही मोटर पंप बदला गया, लिहाजा जल प्रदाय योजना बंद पड़ी हुई है।
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जल जीवन मिशन के तहत जिले में पहले चरण में स्वीकृत नल जल योजनाओं की स्थिति-
विकासखंड – स्वीकृत योजनाएं – लागत राशि
ेकुसमी – 02 – 320.04
मझौली – 03 – 722.88
रामपुर नैकिन – 08 – 706.63
सीधी – 07 – 1183.77
सिहावल – 17 – 2993.33
कुल – 37 – 5926.65 (राशि लाख में)
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ज्यादातर योजनाएं चालू स्थिति में-
जिले में पहले व दूसरे चरण में स्वीकृत नल जल योजनाओं में से 47 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 130 प्रगतिरत हैं। लापरवाह संविदाकारों को नोटिस जारी की गई थी, जिसके बाद उनके द्वारा कार्य में तेजी लाई गई है, कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है। पूर्ण योजनाओं में जो कुछ तकनीकी खामियों से बंद होंगी, उन्हें दुरूस्त कराकर जल प्रदाय शुरू कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
एसएल धुर्वे, कार्यपालन यंत्री पीएचई
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