MP Assembly Winter Session: स्पीकर और अपनी ही पार्टी के विधायक ने मंत्री विश्वास सारंग को घेरा, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

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MP Assembly Winter Session: स्पीकर और अपनी ही पार्टी के विधायक ने मंत्री विश्वास सारंग को घेरा, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

MP Assembly Winter Session: स्पीकर और अपनी ही पार्टी के विधायक ने मंत्री विश्वास सारंग को घेरा, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

मंगलवार को एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अपनी ही पार्टी के लोगों से घिर गए। बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी ने रीवा मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर उनसे सवाल किए तो मंत्री ने आरोपों को नकार दिया। तब स्पीकर गिरीश गौतम ने मंत्री के बयान को गलत करार दिया। स्पीकर ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया।

 

हाइलाइट्स

  • विधानसभा में अपनी ही पार्टी के लोगों के निशाने पर आए मंत्री विश्वास सारंग
  • बीजेपी विधायक ने रीवा मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर सारंग को घेरा
  • स्पीकर भी विधायक के समर्थन में आए, मंत्री के बयान को नकारा
  • सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव मंजूर, बुधवार को होगी चर्चा
भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्षी दलों ने सरकार को आदिवासियों, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर घेरा। इस बीच, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने स्वीकार कर लिया। अब बुधवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। सत्र के दूसरे दिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अपनी ही पार्टी के लोगों से घिर गए। रीवा मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी ने उनसे सवाल किए। सारंग ने विधायक के आरोपों को गलत बताया, लेकिन स्पीकर ने उनके बयान को गलत बता दिया।

अविश्वास प्रस्ताव में ये मुद्दे शामिल

अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस युवाओं, भ्रष्टाचार और आरक्षण के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी। पार्टी की ओर से जो आरोप पत्र दिया गया है, उसमें प्रोफेशनल एग्जामिनेशन भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, किसानों की कर्ज माफी में मनमानी, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% का आरक्षण ना देना, भ्रष्टाचार में घिरे अधिकारी, कर्मचारियों की अभियोजन स्वीकृति न देना, कोरोना काल में लापरवाही से हुई मौतें, ऑक्सीजन की कमी, अवैध खनन, सरकारी कॉलेजों में रिक्त पद, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में 4 साल से छात्र संघ चुनाव न होना, प्रदेश की बिजली दूसरे राज्यों को बेचना, मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में राज्य सरकार का अंशदान कम करके छोटे किसानों पर भार बढ़ाना, पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश न देना, पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा, नर्सिंग कॉलेज में कथित फर्जीवाड़ा, मान्यता में भ्रष्टाचार, फर्जी डिग्रियां, 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एनपीएस का पैसा कर्मचारियों के खातों में जमा न कराने जैसे कई मुद्दे शामिल हैं।

चुनावी सीजन में कांग्रेस का दांव

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में कांग्रेसी अब हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस शीतकालीन सत्र में आक्रामक रवैया अपनाते हुए बीजेपी सरकार को कई मुद्दों को लेकर घेर सकती है। अविश्वास प्रस्ताव उसकी ही बानगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीब 18 साल के मुख्यमंत्रित्व काल में यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है। वर्ष 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे लंबी चर्चा हुई थी।

इसलिए आ रहा अविश्वास प्रस्ताव

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि पिछले दो सालों से भाजपा ने किस तरह सरकार चलाई है, यह सभी ने देखा है। कैबिनेट जिस तरह से काम कर रही है, उससे स्पष्ट है कि जनता को अब सरकार पर विश्वास नहीं रहा। राज्य में सरकारी कर्मचारी, व्यापारी, किसान, मजदूर, युवा सभी वर्ग परेशान हैं। इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। कांग्रेस ने जो प्लान बनाया है, उसके अनुसार सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर जो चर्चा होगी, उसके मुद्दों की लिस्ट बनाई जाएगी और लोगों को बताया जाएगा। इसके लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर सरकार की पोल खोलेंगे।

बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार को ही घेरा

विधानसभा में मंगलवार को अपनी बात रखते हुए रीवा जिले की चुरहट विधानसभा से बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी ने अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाए कि रीवा के मेडिकल कॉलेज में कई घंटों तक बिजली गुल रही। इस कारण आईसीयू में वेंटीलेटर पर भर्ती निर्मला मिश्रा की मौत हो गई। विधायक ने मेडिकल कॉलेज की बदहाल व्यवस्था सुधारने की मांग की। अपने ही विधायक से घिरे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि रीवा मेडिकल कॉलेज में 22 नवंबर को सुबह 5 बजे सिर्फ पांच मिनट के लिए बिजली गई थी। इसके बाद जनरेटर चालू हो गए थे। जबकि मौत 23 नवंबर को सुबह हुई थी।

विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री का बयान नकारा

इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष ने बीच में ही कहा कि मैं खुद रीवा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचा था। वहां आईसीयू में एसी की व्यवस्था नहीं है। मंत्री जी, आपको अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट दी है। वहीं, विधायक तिवारी ने कहा कि जांच डॉक्टरों के बजाय तकनीकी विशेषज्ञों से कराएं और जांच में विधायकों को भी शामिल किया जाए।

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