दिसंबर की दोपहर छुड़ा रही है पसीने, फिलहाल क्रिसमस तक ठंड के नहीं है कोई आसार h3>
स्काईमेट के महेश पलावत ने बताया कि इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस का अभाव रहा है। जो वेस्टर्न डिस्टरबेंस आए वह इतने कमजोर थे कि मौसमी बदलाव नहीं कर पाए। दिल्ली में ठंड बढ़ने की दो वजह होती हैं। इनमें पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी पहली है। जिसके बाद पहाड़ों से ठंडी हवाएं आती हैं और राजधानी को ठिठुराती हैं, लेकिन पहाड़ों पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस के अभाव में बर्फबारी नहीं हुई। ऐसे में वहां से आने वाली हवाएं उतनी ठंडी नहीं है जितनी हुआ करती थीं। ठंड बढ़ने की दूसरी वजह सर्दियों की बारिश है। अक्टूबर के मध्य से ही बारिश नहीं हुई है। यह बारिश ठंड को बढ़ाती है और इस बारिश की वजह से नमी बढ़ती है। यह नमी कोहरे को बढ़ाती है और ठंड बढ़ती है। लेकिन मौसम लगातार शुष्क चल रहा है। क्रिसमस तक अभी कोई बड़े बदलाव की उम्मीद भी नहीं है।
सोमवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 27.1 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 8.4 दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 35 से 95 प्रतिशत तक बना रहा। मंगलवार को आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के आसपास रह सकता है। 15 दिसंबर तक तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट आएगी। अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक पहुंच सकता है।
दिसंबर का औसत अधिकतम तापमान – 23.1 डिग्री
- दिसंबर 2022 (अब तक)- 26.13 डिग्री
- दिसंबर 2020 – 23.4 डिग्री
- दिसंबर 2017 – 24.1 डिग्री
- दिसंबर 2016 – 24.5 डिग्री
- दिसंबर 2011 – 23.7 डिग्री
11 साल में दिसंबर के सबसे गर्म दिन
- 11 दिसंबर 2022 – 28.4 डिग्री
- 10 दिसंबर 2020 – 29.0 डिग्री
- 1 दिसंबर 2014 – 30.0 डिग्री (ऑल टाइम रेकॉर्ड)
- 6 दिसंबर 2011 – 29.5 डिग्री