Gehlot VS Pilot : गहलोत- पायलट एक प्लेन में सवार, क्या खत्म हो गई दोनों के बीच तकरार ?

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Gehlot VS Pilot : गहलोत- पायलट एक प्लेन में सवार, क्या खत्म हो गई दोनों के बीच तकरार ?

Gehlot VS Pilot : गहलोत- पायलट एक प्लेन में सवार, क्या खत्म हो गई दोनों के बीच तकरार ?

जयपुर : राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान (Rahul gandhi Bharat jodo yatra in Rajasthan) पहुंचने के बाद प्रदेश कांग्रेस (Congress) की सियासत में आया ज्वार शांत हो गया है। हालांकि रविवार को एक बार फिर इसकी चर्चा हुई। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Ashok gehlot and Sachin Pilot ) एक ही प्लेन से शिमला पहुंचे। यहां हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह (Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu oath ceremony) में दोनों का एक साथ पहुंचना सियासी चर्चा का विषय बन गई।

सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि क्या गहलोत बनाम पायलट (Gehlot VS Pilot) की अदावत क्या अब खत्म हो गई है या राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान क्रॉस होने के बाद दोनों गुटों के बीच की फिर से तकरार उभरेगी। दरअसल गहलोत पायलट बूंदी से एक ही ही हेलिकॉप्टर में बैठ कर जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद एक चाटर्ड प्लेन से वो दिल्ली गए। वहां से वो शिमला पहुंचे।

जयराम रमेश बोले- यह दिखावा नहीं सच्चाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों ही नेताओं ने करीब एक साल बाद फिर से एक साथ सफर किया है। इधर गहलोत और पायलट के एकसाथ शिमला पहुंचने के मुद्दे पर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं के सामने अपनी बात रखी है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह दोनों नेताओं के बीच एकता दिखाने की कोशिश है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं यह एक कोशिश नहीं बल्कि सच्चाई यह है कि हम एक हैं। जयराम रमेश ने आगे कहा कि पार्टी के सभी नेता एकजुट हैं और दोनों नेताओं का एक साथ यात्रा करना सिर्फ फोटोग्राफी के लिए नहीं है।

राजनीति में ऐसी घटनाएं होती रहती , बयान के मायने

इससे पहले एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में भी गहलोत ने यह साफ कर दिया कि वो अब सचिन पायलट को लेकर दिए ‘गद्दार’ वाले बयान को खींचना नहीं चाहते हैं। पायलट के साथ अनबन को पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि ‘राजनीति में ऐसी घटनाएं-दुर्घटनाएं होती रहती हैं। समय के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई देश में चल रही बीजेपी की फांसीवादी नीति से है और हर कांग्रेसी को यह सोचना चाहिए कि लड़ाई हमारी भाजपा से है। हम सभी को मिलकर कांग्रेस का मजबूत बनाना है।

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पायलट -गहलोत के बीच की तकरार क्या मोड़ लेगी

राजनीति के जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की यात्रा से पहले केसी वेणुगोपाल की ओर से गहलोत पायलट के बीच करवाए गए समझौता का असर दिख रहा है। यात्रा में पायलट और गहलोत दोनों राहुल के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। गहलोत सियासत के उतार चढ़ाव को बखूबी समझते हैं। राहुल की ओर से राजस्थान में पायलट को दी जा रही तवज्जो के गहलोत अच्छी तरह मायने समझ रहे हैं। ऐसे में वो अब सधी हुई राजनीति कर रहे हैं। फिलहाल कहा जा सकता है कि दोनों नेताओं के बीच चल रही रस्साकशी पर विराम लग गया है। भविष्य में यह राजनीति किस ओर मोड़ मूडेगी, ऐसे में इसका अनुमान अभी निकालना सही नहीं होगा।

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