खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने का ‘खेल’, लोगों से 4 हजार रुपए तक वसूली | Rajasthan Government Food Security Illigal Recovery Emitrs Jaipur | Patrika News h3>
-पत्रिका खोल रहा पोल
-राजधानी की कई इलाकों में चल रही वसूली
-दावा कर रहे कि चार-पांच दिन में आवेदन हो जाएगा स्वीकृत, तभी देना पैसे
-पत्रिका टीम ने तीन दिन तक कई ई-मित्र केन्द्रों को खंगाला
पहला केंद्र : पांच नीम, बास बदनपुरा
यह मिली स्थिति : यहां अलग-अलग ई-मित्र केंद्रों पर जब खाद्य सुरक्षा योजना के बारे में बात की तो संचालकों ने कहा कि यहां खाद्य सुरक्षा का काम आसिफ कर रहा है। आगे मस्जिद के पास आसिफ का ई-मित्र केंद्र था। आस-पास दो ई-मित्र केंद्र और थे। अंदर लोगों की भीड़ थी। ज्यादातर खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने वाले थे। पत्रिका टीम ने दो आवेदन पत्रों के नंबर देकर कहा कि इन्हें स्वीकृत करवाना है। उसने दोनों आवेदन पत्र पोर्टल पर खोलकर देखे और कहा कि दोनों हो जाएंगे। तीन—तीन हजार रुपए लगेंगे। जब पैसे कम करने के लिए कहा तो संचालक का कहना था कि हमें भी कर्मचारियों को देने पड़ते हैं। पैसे कम नहीं होंगे, हम तो काम की गारंटी दे सकते हैं।चार-पांच दिन में काम हो जाएगा।
दूसरा केंद्र : ईदगाह कच्ची बस्ती
यह मिली स्थिति : ईदगाह कच्ची बस्ती में चल रहे ई-मित्र केंद्रों पर भी यहीं काम किया जाता रहा। यहां ज्यादातर ई-मित्र केंद्रों पर नाम नहीं लिखे थे। पत्रिका टीम ने यहां तीन आवेदन नंबर देकर कहा कि पांच माह पहले आवेदन ऑनलाइन सबमिट किया था। अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ। तीनों को स्वीकृत करवाना है। संचालक ने कहा कि सरकारी काम ऐसे नहीं होते, पैसे देने पड़ते हैं। जो लोग पैसे नहीं दे रहे हैं, उनके सैंड बैक (वापस लौट रहे) किए जा रहे हैं। फिर उनके आवेदन स्वीकृत हो, इसकी संभावना बहुत कम हैं। इस पर टीम ने कहा कि तीनों आवेदन स्वीकृत करवा दो। ई-मित्र संचालक ने कहा कि पैसे के लिए शाम को फोन करो। शाम को फोन करने पर प्रति कार्ड चार हजार रुपए देने को कहा।
फैक्ट फाइल :
-10 लाख परिवारों को जोड़ा जाना है खाद्य सुरक्षा योजना में
-19.38 लाख आवेदन आए थे योजना में शामिल होने के लिए
-4.26 करोड़ लोगों अभी शामिल हैं खाद्य सुरक्षा योजना में
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– एनएफएसए में एक-एक आवेदन की जांच की जा रही है। इसी कारण अभी तक बहुत कम आवेदन स्वीकृत हुए हैं। जिनके आवेदन में एक भी दस्तावेज कम है, उनसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इतनी सख्ती के बाद भी यदि कुछ हो रहा है तो बेहद गंभीर है। ई-मित्र केंद्रों की जांच करेंगे।
– राकेश कुमार मीना, एसडीएम जयपुर शहर