राजधानी की आबोहवा दिवाली के दो दिन बाद बेहद खराब | The Climate of Jaipur Rajasthan Is Very Polluted After Diwali | Patrika News h3>
—दीपोत्सव के पहले दिन यानि 22 अक्टूबर को धनतेरस पर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई का स्तर जहां औसतन 160 के आसपास था। वहीं अब यह 40 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यानि जयपुर का वायु प्रदूषण का औसत स्तर इस साल दिवाली के बाद 310 एक्यूआई तक पहुंच गया। कुछ जगहों पर यह स्तर बेहद खराब स्थिति में नजर आया। ग्रीन जोन, यलो जोन में रहने वाली राजधानी सात दिनों में फिर से रेड, ओरेंज जोन में पहुंच गई है। जयपुर में परकोटे समेत बाहरी जगहों और प्रदेश के अन्य शहरों में हवा पूरी तरह से पटाखों के साथ ही मौसम की मार से दूषित हो गई है। जयपुर में कुछेक जगहों पर हालात काफी खराब दिखे। चिकित्सकों के मुताबिक अस्थमा रोगी पूरी तरह से मास्क लगाकर रहें, छोटे बच्चे, बुजुर्ग घरों से बाहर न निकलें।
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जगह वर्तमान स्तर आठ दिन पहले
भिवाड़ी 340 285
जोधपुर 310 202
अलवर 160 90
अजमेर 260 128
कोटा 240 135
पाली 260 125
जेएलएन मार्ग 390 230
मालवीय नगर 330 240
वैशालीनगर 410 280
आदर्शनगर, राजापार्क 262 140
पुलिस कमीश्नरेट, एमआईरोड 310 160
शास्त्रीनगर, बनीपार्क 240 165
सांगानेर 290 210
आगरा रोड 280 195
हाइकोर्ट 287 210
नोट— एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी एंडेक्स के यह औसत आंकड़े बुधवार रात दस बजे तक बीते 24 घंटे के आधार पर हैं।
यह है मानक
0 से 50 -अच्छी
51 से 100-संतोषजनक
101 से 200-मॉडरेट यानि न थोड़ा खराब
201-300- खराब
301-400-बहुत खराब
401-500-गंभीर
500 से ऊपर- आपातकालीन स्थिति
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प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा जोधपुर, भिवाड़ी-जयपुर को पीछे छोड़ा
इस पर अपील का असर दिखा बेअसर
बीते साल वायु प्रदूषण को लेकर प्रदेश में पटाखों को बेचने और जलाने पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन इस बार प्रदेश में इस तरह की सख्ती नहीं की गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से हालांकि आमजन से पटाखे न जलाने की अपील की गई लेकिन यह अपील ही नजर आमजन के लिए बेअसर रही। इधर जिम्मेदार महकमे पुलिस, जिला प्रशासन की ओर से दुकानों पर ग्रीन पटाखे चैकिंग को लेकर सख्ती नहीं की गई। इस कारण से आमजन ने तेज आवाज, ज्यादा रोशनी वाले डमी पटाखे जलाए।
बीते साल के आंकड़ें
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर में 2019 में जहां शहर का औसत वायु प्रदूषण का स्तर सामान्यतया एक्यूआई 250 के पार दर्ज किया गया। वहीं कोरोना की वजह से 2020 में यह 150 के आसपास रहा। 2021 में शहर का औसत स्तर 220 के आसपास रहा। वहीं इस साल 2022 में यह औसत स्तर अभी से 310 तक पहुंच चुका है। ऐसे में आगामी दिनों में यह चिंताजनक बात है कि इस साल शहरवासियों ने जमकर पटाखे फोड़े। इस बीच वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ ही निर्माण कार्य इस साल ज्यादा होना भी प्रदूषण के तत्वों को बढ़ाने के मुख्य घटक रहे।
—दीपोत्सव के पहले दिन यानि 22 अक्टूबर को धनतेरस पर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई का स्तर जहां औसतन 160 के आसपास था। वहीं अब यह 40 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यानि जयपुर का वायु प्रदूषण का औसत स्तर इस साल दिवाली के बाद 310 एक्यूआई तक पहुंच गया। कुछ जगहों पर यह स्तर बेहद खराब स्थिति में नजर आया। ग्रीन जोन, यलो जोन में रहने वाली राजधानी सात दिनों में फिर से रेड, ओरेंज जोन में पहुंच गई है। जयपुर में परकोटे समेत बाहरी जगहों और प्रदेश के अन्य शहरों में हवा पूरी तरह से पटाखों के साथ ही मौसम की मार से दूषित हो गई है। जयपुर में कुछेक जगहों पर हालात काफी खराब दिखे। चिकित्सकों के मुताबिक अस्थमा रोगी पूरी तरह से मास्क लगाकर रहें, छोटे बच्चे, बुजुर्ग घरों से बाहर न निकलें।
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भिवाड़ी 340 285
जोधपुर 310 202
अलवर 160 90
अजमेर 260 128
कोटा 240 135
पाली 260 125
जेएलएन मार्ग 390 230
मालवीय नगर 330 240
वैशालीनगर 410 280
आदर्शनगर, राजापार्क 262 140
पुलिस कमीश्नरेट, एमआईरोड 310 160
शास्त्रीनगर, बनीपार्क 240 165
सांगानेर 290 210
आगरा रोड 280 195
हाइकोर्ट 287 210
नोट— एक्यूआई यानि एयर क्वालिटी एंडेक्स के यह औसत आंकड़े बुधवार रात दस बजे तक बीते 24 घंटे के आधार पर हैं।
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0 से 50 -अच्छी
51 से 100-संतोषजनक
101 से 200-मॉडरेट यानि न थोड़ा खराब
201-300- खराब
301-400-बहुत खराब
401-500-गंभीर
500 से ऊपर- आपातकालीन स्थिति
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बीते साल वायु प्रदूषण को लेकर प्रदेश में पटाखों को बेचने और जलाने पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन इस बार प्रदेश में इस तरह की सख्ती नहीं की गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से हालांकि आमजन से पटाखे न जलाने की अपील की गई लेकिन यह अपील ही नजर आमजन के लिए बेअसर रही। इधर जिम्मेदार महकमे पुलिस, जिला प्रशासन की ओर से दुकानों पर ग्रीन पटाखे चैकिंग को लेकर सख्ती नहीं की गई। इस कारण से आमजन ने तेज आवाज, ज्यादा रोशनी वाले डमी पटाखे जलाए।
बीते साल के आंकड़ें
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर में 2019 में जहां शहर का औसत वायु प्रदूषण का स्तर सामान्यतया एक्यूआई 250 के पार दर्ज किया गया। वहीं कोरोना की वजह से 2020 में यह 150 के आसपास रहा। 2021 में शहर का औसत स्तर 220 के आसपास रहा। वहीं इस साल 2022 में यह औसत स्तर अभी से 310 तक पहुंच चुका है। ऐसे में आगामी दिनों में यह चिंताजनक बात है कि इस साल शहरवासियों ने जमकर पटाखे फोड़े। इस बीच वाहनों से निकलने वाले धुएं के साथ ही निर्माण कार्य इस साल ज्यादा होना भी प्रदूषण के तत्वों को बढ़ाने के मुख्य घटक रहे।