chitrakoot: धर्मनगरी में 90 हजार लगी शाहरुख की बोली, 2 लाख में बिक गया सलमान | Shahrukh’s bid was 90 thousand in Dharmanagari, Salman sold for 2 lakh | Patrika News h3>
5 हजार गधे बिक्री के लिए पहुंचे मेले में मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश के बार्डर में पुण्य सलिला मंदाकिनी के तट पर लगभग डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में इस बार गधा-मेला लगाया गया है। यहां करीब 5 हजार गधे बिक्री के लिए पहुंचे हैं। इस बार काफी संख्या में खच्चर भी बिकने को पहुंचे हैं। बताया जाता है कि औरंगजेब ने अपनी सेना में शामिल करने के लिए गधा-मेला की शुरुआत की थी। तब से लगातार यह मेला चला आ रहा है। यहां देश के सबसे अच्छी नस्ल के गधे और खच्चर बिकने को पहुंचते हैं।
फिल्म स्टार के नाम पर ज्यादा लगती है बोली यहां मिले व्यापारी मुबारक अली से जब पूछा गया कि ज्यादातर गधों के नाम फिल्म स्टार के नाम पर क्यों रखे गये हैं तो उन्होंने बताया कि फिल्म स्टार के नाम होने पर गदहा लोगों के आकर्षण का केन्द्र तो बनता ही है साथ ही उसकी बोली ज्यादा लगती है और बिक्री भी ठीक ठाक होती है। एक दशक पहले तक इक्का दुक्का व्यापारी गधों का नाम फिल्म स्टार के नाम पर रखते थे। लेकिन इन नामों पर मीडिया का फोकस होने लगा और इनकी बिक्री बढ़ने लगी तो फिर ज्यादातर लोगों ने इनके नाम फिल्म स्टार के नाम से रखने लगे। अब तो 80 फीसदी गधों के नाम फिल्म स्टार के नाम पर है। अब स्थिति ऐसी होने लगी है कि एक-एक फिल्म स्टार के नाम पर कई गधे मौजूद है। इस बार सलमान नाम के गधों की संख्या ज्यादा है। इनके रेट भी 1 से 2 लाख तक के हैं। इन्होंने बताया कि यहां से उम्दा खच्चर पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। व्यापारी मोइन ने बताया कि अच्छी नस्ल और बढ़िया कद-काठी वाले खच्चर का नाम सलमान रखा गया है। वहीं ज्यादा वजन उठाने की क्षमता वाले गधों को ऋतिक और रणबीर का नाम दिया जाता है। फुर्तिलें खच्चरों को शाहरुख के नाम से बुलाया जाता है।
IMAGE CREDIT: patrika यह है फिल्म स्टार नामी गधों की कीमत व्यापारियों और खरीददारों के अनुसार यहां इस बार सबसे महंगी कीमत सलमान नाम के गधे और खच्चरों की है। इनकी कीमत इस बार 1 से 2 लाख रुपये तक है। इसी तरह से रणबीर नाम का गदहा 40 और ऋतिक की कीमत 70 हजार रुपये रखी गई है। शाहरुख की कीमत 90 हजार है। करिश्मा नाम की गदही की कीमत 20 हजार रखी गई है तो 12 हजार में बांदा का सैफ बिक चुका है। बताया कि बिहार के व्यापारी गदहों की अच्छी कीमत देते हैं।
खरीददार से देखने वालों की ज्यादा भीड़ गधा-मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मुन्नालाल त्रिपाठी ने बताया कि यहां गधे के खरीददारों से ज्यादा लोगों की भीड़ देखने वालों की जुटती है। मेले में औसतन 5 हजार गधे बिकने के लिए पहुंचते हैं। यहां की व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत का होता है। यहां हर गधे की एंट्री फीस 300 रुपए है। यहां 30 रुपये प्रति खूंटा गधे या खच्चर के बांधने के लिए दिया जाता है। जिसके बाद बोली लगाकर गधे खच्चर की बिक्री होती है। उत्तर प्रदेश के ईंट और रेत कारोबारी गधों को बड़ी संख्या में खरीदते हैं।
गधे और खच्चर में यह है अन्तर खच्चर लेकर पहुंचे व्यापारी मुश्ताक से जब खच्चर के संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि इस साल मेले में विगत वर्षों की तुलना में खच्चर काफी संख्या में पहुंचे हैं। उन्होंने रोचक जानकारी देते हुए बताया कि खच्चर बांझ होता है। जबकि गधे में संतति पैदा कर ने की क्षमता होती है। नर गधे और मादा घोड़े के बीच क्रॉस प्रजनन एक खच्चर पैदा होता है।
5 हजार गधे बिक्री के लिए पहुंचे मेले में मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश के बार्डर में पुण्य सलिला मंदाकिनी के तट पर लगभग डेढ़ एकड़ के क्षेत्र में इस बार गधा-मेला लगाया गया है। यहां करीब 5 हजार गधे बिक्री के लिए पहुंचे हैं। इस बार काफी संख्या में खच्चर भी बिकने को पहुंचे हैं। बताया जाता है कि औरंगजेब ने अपनी सेना में शामिल करने के लिए गधा-मेला की शुरुआत की थी। तब से लगातार यह मेला चला आ रहा है। यहां देश के सबसे अच्छी नस्ल के गधे और खच्चर बिकने को पहुंचते हैं।
फिल्म स्टार के नाम पर ज्यादा लगती है बोली यहां मिले व्यापारी मुबारक अली से जब पूछा गया कि ज्यादातर गधों के नाम फिल्म स्टार के नाम पर क्यों रखे गये हैं तो उन्होंने बताया कि फिल्म स्टार के नाम होने पर गदहा लोगों के आकर्षण का केन्द्र तो बनता ही है साथ ही उसकी बोली ज्यादा लगती है और बिक्री भी ठीक ठाक होती है। एक दशक पहले तक इक्का दुक्का व्यापारी गधों का नाम फिल्म स्टार के नाम पर रखते थे। लेकिन इन नामों पर मीडिया का फोकस होने लगा और इनकी बिक्री बढ़ने लगी तो फिर ज्यादातर लोगों ने इनके नाम फिल्म स्टार के नाम से रखने लगे। अब तो 80 फीसदी गधों के नाम फिल्म स्टार के नाम पर है। अब स्थिति ऐसी होने लगी है कि एक-एक फिल्म स्टार के नाम पर कई गधे मौजूद है। इस बार सलमान नाम के गधों की संख्या ज्यादा है। इनके रेट भी 1 से 2 लाख तक के हैं। इन्होंने बताया कि यहां से उम्दा खच्चर पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। व्यापारी मोइन ने बताया कि अच्छी नस्ल और बढ़िया कद-काठी वाले खच्चर का नाम सलमान रखा गया है। वहीं ज्यादा वजन उठाने की क्षमता वाले गधों को ऋतिक और रणबीर का नाम दिया जाता है। फुर्तिलें खच्चरों को शाहरुख के नाम से बुलाया जाता है।
खरीददार से देखने वालों की ज्यादा भीड़ गधा-मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मुन्नालाल त्रिपाठी ने बताया कि यहां गधे के खरीददारों से ज्यादा लोगों की भीड़ देखने वालों की जुटती है। मेले में औसतन 5 हजार गधे बिकने के लिए पहुंचते हैं। यहां की व्यवस्था का जिम्मा नगर पंचायत का होता है। यहां हर गधे की एंट्री फीस 300 रुपए है। यहां 30 रुपये प्रति खूंटा गधे या खच्चर के बांधने के लिए दिया जाता है। जिसके बाद बोली लगाकर गधे खच्चर की बिक्री होती है। उत्तर प्रदेश के ईंट और रेत कारोबारी गधों को बड़ी संख्या में खरीदते हैं।
गधे और खच्चर में यह है अन्तर खच्चर लेकर पहुंचे व्यापारी मुश्ताक से जब खच्चर के संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि इस साल मेले में विगत वर्षों की तुलना में खच्चर काफी संख्या में पहुंचे हैं। उन्होंने रोचक जानकारी देते हुए बताया कि खच्चर बांझ होता है। जबकि गधे में संतति पैदा कर ने की क्षमता होती है। नर गधे और मादा घोड़े के बीच क्रॉस प्रजनन एक खच्चर पैदा होता है।