Indore News : रेवड़ी की तरह बंट रहे थोक पटाखा लाइसेंस, हादसे का डर | Wholesale Firecracker Licenses Are Being Distributed Like Rewari | Patrika News

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Indore News : रेवड़ी की तरह बंट रहे थोक पटाखा लाइसेंस, हादसे का डर | Wholesale Firecracker Licenses Are Being Distributed Like Rewari | Patrika News

Indore News : रेवड़ी की तरह बंट रहे थोक पटाखा लाइसेंस, हादसे का डर | Wholesale Firecracker Licenses Are Being Distributed Like Rewari | Patrika News

कुछ वर्षों पहले थोक पटाखों की दुकान सालभर चालू रहती थी, लेकिन रानीपुरा में हुए दिलीप फायर वर्क की दुकान में विस्फोट के बाद में प्रशासन ने शहरी क्षेत्र के सभी लाइसेंस को निरस्त कर दिया था। उसके बाद से दीपावली के दो माह पहले से टीन की दुकानें लग रही हैं। दो साल पहले तक 56 ही थोक व्यापारी हुआ करते थे, लेकिन पिछले साल सांसद व विधायकों सहित भाजपा के प्रमुख नेताओं ने अपने समर्थकों को नए लाइसेंस देने का दबाव बनाया था। तब 13 नए लाइसेंस जारी किए गए थे। ये सिलसिला इस साल भी जारी है।

सत्ताधारी भाजपा के नेताओं ने प्रशासन पर खासा दबाव बनाना शुरू कर दिया है। नेताओं के समर्थकों के 100 से अधिक आवेदन जमा हो गए हैं जिसमें सांसद, विधायक व अन्य नेताओं की अनुशंसा लगी है या उनके फोन गए हैं। अब इतने लाइसेंस जारी करना तो संभव नहीं है। सभी को साफ कर दिया कि प्रमुख नाम बता दिए जाएं। इस पर सभी ने दो-दो नाम दे दिए हैं। उनके लाइसेंस पर मुहर भी लगा दी गई, लेकिन जिनको जारी नहीं हुआ वे अभी भी दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

जगह को लेकर विवाद थोक पटाखा व्यापारियों की एसोसिएशन ने रीजनल पार्क के सामने जगह किराए पर लेकर दुकानें बनाई। अब नए लाइसेंसधारी दबाव बना रहे हैं कि उन्हें भी वहीं पर दुकानें दी जाएं जो संभव नहीं है। जहां पर दुकानें बनाई जा रही हैं वहां सिर्फ 60 दुकान बनाने की क्षमता है। अब हर कोई दबाव बना रहा है कि उसे दुकान मिले। इधर, एसोसिएशन के व्यापारियों ने भी साफ कर दिया है कि ये हमारी व्यवस्था है। इसका विस्तार करना संभव नहीं है। पूरे मार्ग पर जिनकी जमीन है उनसे बात करके नए लाइसेंसधारी दुकानों का निर्माण करा रहे हैं।

किसी भी दिन हो सकता है हादसा राऊ और रानीपुरा के बाद कई पटाखा गोदामों पर विस्फोट हो चुका है जिसमें अब तक डेढ़ दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। अब प्रशासन ने थोक के लाइसेंस थोक में बांट दिए हैं और व्यापारी इधर-उधर बेतरतीब दुकानें लगा रहे हैं जिसमें नियम- कानून को ताक पर रखा जा रहा है। ऐसे में किसी दिन कोई बड़ा हादसा न हो जाए। ऐसा हुआ तो पूरे बाजार पर ही संकट खड़ा हो सकता है जिसमें एक समय पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं और दीपावली के तीन-चार दिन में तो हजारों की संख्या होती है।

किराए का बड़ा खेल प्रशासन ने रेवड़ी की तरह दो साल से पटाखा लाइसेंस बांट तो दिए, लेकिन उनमें कोई व्यापारी नहीं है और वे दुकान भी नहीं लगाते हैं। ये कड़वी सच्चाई तो ये है कि सभी किराए से लाइसेंस दे देते हैं। प्रत्येक लाइसेंस का किराया दो से पांच लाख रु. वसूल किया जाता है। प्रशासन ने लिखा है कि लाइसेंसधारी को दुकान पर बैठना अनिवार्य है। चूंकि अफसरों को भी मालूम है कि राजनीतिक दबाव वाले हैं इसलिए उनकी जांच भी नहीं की जाती है।



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