आयुर्वेद और ज्योतिष में गहरा संबंध : कुलपति

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आयुर्वेद और ज्योतिष में गहरा संबंध : कुलपति

आयुर्वेद और ज्योतिष में गहरा संबंध : कुलपति

दरभंगा। कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि आयुर्वेद…



आयुर्वेद और ज्योतिष में गहरा संबंध : कुलपति

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाSat, 17 Sep 2022 12:42 AM

दरभंगा। कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि आयुर्वेद एवं ज्योतिष में गहरा संबंध है। आयुर्वेद चिकित्सा में ज्योतिष की उपयोगिता पग-पग पर है। वे आयुर्वेदिक कॉलेज के 47वें स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन दरबार हॉल में शुक्रवार को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि इस विश्वविद्यालय से संबंधित होकर प्रारंभ हुआ राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर आज सरकारी संस्थान के रूप में कार्यरत है। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति डॉ. झा के अलावा विवि के सेवानिवृत्त ज्योतिष विभागाध्यक्ष व पूर्व कुलपति डॉ. रामचंद्र झा एवं प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने किया। वहीं पूर्व कुलपति डॉ. रामचंद्र झा ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा में पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त करने के लिए हर एक चिकित्सक को ज्योतिष विद्या की जानकारी भी होनी चाहिए। प्रतिकुलपति डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि ग्रहों का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। राष्ट्रीय संगोष्ठी में चिकित्सा के क्षेत्र में ज्योतिष की भूमिका विषय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान परिपेक्ष्य में ज्योतिष के माध्यम से स्वास्थ्य संरक्षण भी किया जा सकता है। इस बात की जानकारी आम लोगों में जाएगी। ग्लोबल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस, ग्लोकल यूनिवर्सिटी, सहारनपुर के प्रिंसिपल डॉ. के शिवा रामा प्रसाद ने चंद्रमा का मन पर प्रभाव विषय पर विशेष जानकारी दी। विश्वनाथ प्रसाद ने हमारे शरीर के धातुओं के साथ ग्रहों के संबंध के बारे में बताया। सेमिनार में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, दरभंगा, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पटना, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, बेगूसराय व हितेश्वर आयुर्वेदिक कॉलेज, मुजफ्फरपुर के चिकित्सकों व छात्रों ने भाग लिया। जुपिटर कॉलेज, नागपुर के प्राचार्य प्रो. सुभाष डी वाघे ने रत्नों का ग्रहों से संबंध विषय पर ऑनलाइन प्रेजेंटेशन दिया। डॉ. लाल कौशल नौ ग्रहों का रोग से संबंध विषय पर विचार रखे। प्रथम वैज्ञानिक सत्र में चेयरमैन डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह, को चेयरमैन प्रो. सीबी सिंह एवं रिपोर्टियर डॉ. मुकेश कुमार थे। द्वितीय वैज्ञानिक सत्र में चेयरमैन डॉ. राजेश्वर दुबे, को चेयरमैन डॉ. शंभू शरण व रिपोर्टियर डॉ. विजेंद्र कुमार थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनीष कुमार आलोक ने किया। समापन सत्र में ज्योतिष विषय को आयुर्वेद स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में सम्मिलित किए जाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। ज्योतिष शास्त्र में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रारंभ करने का सरकार से आग्रह करने का निर्णय लिया गया।

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