Bihar Shikshak Niyojan : 6100 से अधिक पदों पर नहीं मिले शारीरिक शिक्षक h3>
Bihar Shikshak Niyojan: राज्य के 8386 मध्य विद्यालयों में शिक्षा विभाग ने प्रति विद्यालय एक-एक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों के स्वीकृत पदों पर बहाली आरंभ की थी। दो-दो बार इसको लेकर नियोजन कार्यक्रम जारी हुए। मेधा सूची निर्माण से लेकर काउंसिलिंग और नियुक्ति पत्र वितरण हुए। लेकिन इस पूरी कवायद में तकरीबन 27 फीसदी ही पद भरे जा सके। अब भी 6100 से अधिक पद खाली रह गये हैं जिनपर कोई अभ्यर्थी ही नहीं मिले हैं।
विदित हो कि बहाली में नियुक्ति में विलम्ब को लेकर शारीरिक शिक्षा अभ्यर्थियों ने लगातार धरना-प्रदर्शन किया था, कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया। तब जाकर नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हुई थी। बावजूद इसके महज एक चौथाई से कुछ अधिक ही पद भर पाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के मध्य विद्यालयों में 8386 शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक पद पर बहाली का विज्ञापन तथा उसका पूरा कार्यक्रम निकाला था। मई के आखिर में पहली बार नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। नियुक्त होने वाले अनुदेशकों की संख्या काफी कम होने पर एक और नियोजन कार्यक्रम जारी हुआ। इसके तहत 6 अगस्त को एक बार फिर से चयनित शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को नियुक्त पत्र बांटे गये। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों बार को मिलाकर अबतक राज्यभर में केवल 2258 नियुक्ति की जा सकी है। 6128 पद अब भी रिक्त हैं।
1265 अनुदेशक और हो सकते हैं बहाल
विदित हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को शिक्षा विभाग ने शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर बहाली के लिए पात्रता परीक्षा लेने का निर्देश दिया था। वर्ष 2019 में हुई परीक्षा में बोर्ड ने 3523 अभ्यर्थियों को इसमें सफल घोषित किया था। लेकिन अब जबकि विभाग ने 8386 पदों पर बहाली की तो केवल 2258 ही नियुक्त किये गये। बोर्ड द्वारा योग्य ठहराए गए 1265 अभ्यर्थी अब भी नियोजन से बाहर हैं। शिक्षा विभाग इनके नियोजन के लिए जल्द ही एक और शिड्यूल जारी करने की तैयारी में है। मंगलवार को इसकी पुष्टि अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने की।
कम वेतन और मनचाहा जगह नहीं मिलने से उदासीनता
जानकारी के मुताबिक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के लिए शिक्षा विभाग द्वारा तय मासिक मानदेय 8000 रुपए प्रतिमाह और हर साल 200 की वृद्धि अभ्यर्थियों को लुभा नहीं पा रही है। भले ही विभाग ने इन्हें स्कूल के बाकी कार्यों से मुक्त रखा है लेकिन तय सेवा शर्तों को अभ्यर्थी अनुकूल नहीं मान रहे। साथ ही कम नियोजन की बड़ी वजह से अभ्यर्थियों को मनोनुकूल मध्य विद्यालय नहीं मिलना है। इतने कम वेतन में कोई भी अपने आवास से दूर का विद्यालय ज्वाइन करना नहीं चाह रहा।
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Bihar Shikshak Niyojan: राज्य के 8386 मध्य विद्यालयों में शिक्षा विभाग ने प्रति विद्यालय एक-एक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशकों के स्वीकृत पदों पर बहाली आरंभ की थी। दो-दो बार इसको लेकर नियोजन कार्यक्रम जारी हुए। मेधा सूची निर्माण से लेकर काउंसिलिंग और नियुक्ति पत्र वितरण हुए। लेकिन इस पूरी कवायद में तकरीबन 27 फीसदी ही पद भरे जा सके। अब भी 6100 से अधिक पद खाली रह गये हैं जिनपर कोई अभ्यर्थी ही नहीं मिले हैं।
विदित हो कि बहाली में नियुक्ति में विलम्ब को लेकर शारीरिक शिक्षा अभ्यर्थियों ने लगातार धरना-प्रदर्शन किया था, कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया। तब जाकर नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हुई थी। बावजूद इसके महज एक चौथाई से कुछ अधिक ही पद भर पाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के मध्य विद्यालयों में 8386 शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक पद पर बहाली का विज्ञापन तथा उसका पूरा कार्यक्रम निकाला था। मई के आखिर में पहली बार नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। नियुक्त होने वाले अनुदेशकों की संख्या काफी कम होने पर एक और नियोजन कार्यक्रम जारी हुआ। इसके तहत 6 अगस्त को एक बार फिर से चयनित शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को नियुक्त पत्र बांटे गये। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों बार को मिलाकर अबतक राज्यभर में केवल 2258 नियुक्ति की जा सकी है। 6128 पद अब भी रिक्त हैं।
1265 अनुदेशक और हो सकते हैं बहाल
विदित हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को शिक्षा विभाग ने शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर बहाली के लिए पात्रता परीक्षा लेने का निर्देश दिया था। वर्ष 2019 में हुई परीक्षा में बोर्ड ने 3523 अभ्यर्थियों को इसमें सफल घोषित किया था। लेकिन अब जबकि विभाग ने 8386 पदों पर बहाली की तो केवल 2258 ही नियुक्त किये गये। बोर्ड द्वारा योग्य ठहराए गए 1265 अभ्यर्थी अब भी नियोजन से बाहर हैं। शिक्षा विभाग इनके नियोजन के लिए जल्द ही एक और शिड्यूल जारी करने की तैयारी में है। मंगलवार को इसकी पुष्टि अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने की।
कम वेतन और मनचाहा जगह नहीं मिलने से उदासीनता
जानकारी के मुताबिक शारीरिक शिक्षा सह स्वास्थ्य अनुदेशक के लिए शिक्षा विभाग द्वारा तय मासिक मानदेय 8000 रुपए प्रतिमाह और हर साल 200 की वृद्धि अभ्यर्थियों को लुभा नहीं पा रही है। भले ही विभाग ने इन्हें स्कूल के बाकी कार्यों से मुक्त रखा है लेकिन तय सेवा शर्तों को अभ्यर्थी अनुकूल नहीं मान रहे। साथ ही कम नियोजन की बड़ी वजह से अभ्यर्थियों को मनोनुकूल मध्य विद्यालय नहीं मिलना है। इतने कम वेतन में कोई भी अपने आवास से दूर का विद्यालय ज्वाइन करना नहीं चाह रहा।