Airport Metro Speed: एयरपोर्ट मेट्रो की बढ़ेगी स्पीड, 15 मिनट में पहुंचेंगे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से T-3

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Airport Metro Speed: एयरपोर्ट मेट्रो की बढ़ेगी स्पीड, 15 मिनट में पहुंचेंगे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से T-3

Airport Metro Speed: एयरपोर्ट मेट्रो की बढ़ेगी स्पीड, 15 मिनट में पहुंचेंगे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से T-3

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो की रफ्तार को बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए तकनीकी स्तर पर कुछ नए सुधार और बदलाव किए जा रहे हैं, ताकि स्पीड बढ़ाने के बाद भी किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। स्पीड एक बार में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे करके चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी। इस दौरान हर चीज पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, ताकि किसी हादसे या दुर्घटना की आशंका को पूरी तरह से रोका जा सके। ट्रायल इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। अभी एयरपोर्ट लाइन पर मेट्रो 80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलती है। इसके जरिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 तक की 19.4 किमी की दूरी तय करने में 19 मिनट लगते हैं। डीएमआरसी की कोशिश है कि लोग 15 मिनट में ही एयरपोर्ट पहुंच जाएं। इसके लिए एयरपोर्ट मेट्रो की स्पीड को 80 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटा करने की कोशिश की जा रही है।

​लाइन के स्ट्रक्चर में खराबी बनी कम स्पीड की वजह

वैसे एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को 135 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें चलाने के हिसाब से डिजाइन किया गया था, लेकिन इस पर आज तक कभी भी ट्रेनें 80-90 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से नहीं चल पाईं। लाइन के स्ट्रक्चर में खामियों का पता चलने के बाद तो काफी समय स्पीड और भी स्लो रही थी। बाद में इसे बढ़ाया गया। इस लाइन पर मेट्रो की सेंक्शंड स्पीड 90 किमी प्रति घंटा है, लेकिन एहतियातन अभी भी केवल 80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ही इस पर ट्रेनें चलाई जाती हैं। इस कारण नई दिल्ली से एयरपोर्ट पहुंचने में करीब 20 मिनट लग जाते हैं। अब स्पीड बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, ताकि महज 15 मिनट में ही नई दिल्ली से एयरपोर्ट पहुंचा जा सके। इसके लिए ट्रैक पर लगाए जाने वाले कुछ उपकरणों को बदला जा रहा है, जिनके जरिए स्पीड बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही ट्रैक और स्ट्रक्चर की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।

तीन चरणों में बढ़ाई जाएगी स्पीड

डीएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक, स्पीड लिमिट को बढ़ाने का काम तीन चरणों में किया जाएगा और इसमें 6 महीने से अधिक का समय लग सकता है। ट्रैक में खास तरह के नए टेंशन क्लैंप्स लगाए जा रहे हैं, जो ट्रेन की स्पीड बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। इन्हें लगाने का काम शुरू हो चुका है और अगले महीने तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। क्लैंप्स बदलने के तीन हफ्ते बाद ट्रैक की लगातार मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग जगहों पर कुछ यूनिट्स तैनात की जाएंगी, जो 6 महीने तक निगरानी रखेंगी। शुरुआत में ट्रेनों की स्पीड 80 से बढ़ाकर 100 किमी प्रति घंटा की जाएगी। इस दौरान करीब एक महीने तक प्रतिदिन निरीक्षण करके देखा जाएगा कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। दूसरे चरण में स्पीड बढ़ाकर 110 किमी प्रति घंटा की जाएगी और उसके एक महीने बाद तीसरे चरण में 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर ट्रेनों को चलाकर देखा जाएगा। इस तरह करीब 3 महीने में एयरपोर्ट मेट्रो की स्पीड 80 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे तक हो जाएगी।

​स्पीड से होने वाले वाइब्रेशन पर भी होगी नजर

ट्रेन की स्पीड बढ़ने के दौरान वाइब्रेशन में होने वाली बढ़ोतरी और उसके असर को देखने के लिए कुछ अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी। इसकी मॉनिटरिंग के लिए भी कुछ खास तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। यात्रियों से भरी मेट्रो की स्पीड बढ़ाने से पहले पूरे सेक्शन की गहनता से मॉनिटरिंग की जाएगी। साथ ही कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) से अलग से क्लियरेंस भी ली जाएगी।

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