एक माह रेकी के बाद की थी चोरी, 5.50 करोड़ का सोना गला नहीं पाए | Theft was done after one month of Reiki, gold worth | Patrika News

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एक माह रेकी के बाद की थी चोरी, 5.50 करोड़ का सोना गला नहीं पाए | Theft was done after one month of Reiki, gold worth | Patrika News

एक माह रेकी के बाद की थी चोरी, 5.50 करोड़ का सोना गला नहीं पाए | Theft was done after one month of Reiki, gold worth | Patrika News

गिरफ्तार आरोपी और वारदात का कारण
– मास्टर माइंड गुलाम मुस्तफा उर्फ गोपी निवासी उत्तर मोतीनाला गोहलपुर : इलेक्ट्रॉनिक सामान व पुरानी कारें खरीदने-बेचने का धंधा, लॉकडाउन में व्यापार में घाटा, फाइनेंस कराई कार की नहीं चुका पा रहा था किश्त
– बैजुद्दीन उर्फ बैजू निवासी पुराना पुल यूनानी दवा खाना के पीछे, गोहलपुर : गोपी का खास साथी
– आरिफ निवासी नूरी नगर पसियाना, गोहलपुर : चोरी की थी जानकारी, आरोपियों पर दबाव बनाकर लिए थे जेवर
पार्षद ने की पहचान
वारदात के बाद गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर और उनकी टीम ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। कार की आखिरी लोकेशन छोटा फुहारा के पास मिली। पुलिस ने एक पार्षद को कार की तस्वीर दिखाई, तो उन्होंने कार व वाहन मालिक की पहचान गोपी के रूप में की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गोपी अजमेर गया है। उसके वहां से लौटते ही पुलिस टीम ने उसे व बैजुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में गोपी ने बताया कि उसने दत्त मंदिर के पास कार पार्क किया था। गैस कटर से पायलवाला शोरूम के ताले काटकर अंदर पहुंचे।
ये सामान बरामद
– 10 किलो 252 ग्राम और 70 मिलीग्राम सोने के जेवर,
– कार एमपी 20 बीए 1255
– बाइक एमपी 20 एमए 3410
– चोरी में प्रयोग किया गया कटर
आरोपियों पर घोषित इमाम
– एडीजीपी उमेश जोगा ने 30 हजार
– एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने 10 हजार
– सराफा एसोसिएशन ने 2.51 लाख रुपए
दुकान में मिले बोरों में जेवरों को भरा। दो घंटे तक वहां रुकने के बाद रात लगभग तीन बजे शोरूम से बाहर निकले। पुलिस को गुमराह करने के लिए वह कार से कछपुरा से अंधमूक और फिर बरगी टोलनाका तक गया। इसके बाद फिर शहर आया। शहर से दोनों कोसमघाट गए। कार में ही जेवरात छोड़े। कपड़े बदलकर ऑटो से एम्पायर चौक गए। वहां उसने बाइक मंगवाया। डीवीआर और कपड़ों को बहते नाले में फेंक दिया। ऑटो से घर ले गए जेवरात डीवीआर और कपड़े नाले में फेंकने के बाद गोपी और बैजू दोबारा कोसमघाट गए।
अहम सुराग
– वारदात की रात बारिश होने के बावजूद कार थी साफ
– सीसीटीवी फुटेज की जांच में आखिरी लोकेशन छोटा फुहारा
– दुकान के शोकेस में रखे जेवरात ही हुए थे चोरी
– सीडीआर से मैच नहीं हुई मास्टरमाइंट गोपी की बातें
– बेसिक पुलिसिंग में पूछताछ और मुखबिरों से मिला सुराग
कार से जेवरातों से भरी बोरी निकालकर ऑटो में रखा। ऑटो में बोरी के साथ गोपी बैठ गया। बैजू बाइक से ऑटो के पीछे चल रहा था। घर पहुंचने पर गोपी और बैजू ने जेवरातों का बंटवारा किया। बैजू जेवर लेकर घर पहुंचा तो उसे परिजन ने डांटा। इसके बाद उसने जेवरात गोपी को दे दिए। गोपी जेवरों की पोटली लेकर ससुराल गया। वहां उसने डीजे के साउंड बॉक्स को खोलकर उसमें जेवर रख दिए। यहां से वे कोसमघाट गए और कार को भेड़ाघाट ले जाकर पार्क कर दिया। आरिफ को दिए 50 ग्राम जेवर गोपी ने वारदात में पहले आरिफ को भी शामिल करने का प्रयास किया था।

लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। चोरी का पता चलने के बाद आरिफ गोपी के पास गया और पुलिस को जानकारी देने की धमकी दी। तब गोपी ने उसे 50 ग्राम वजनी सोने के जेवर दिए। उसे बताया कि उसने बाहरी गैंग के साथ मिलकर चोरी की है। उसके हिस्से में महज 100 ग्राम जेवर आए हैं। कटने के लिए दे दी कार गोपी 19 अगस्त को भेड़ाघाट गया। वहां से कार लेकर करोंदा नाला के पास बबलू कबाड़ी के यहां पहुंचा। कार को कटने के लिए दे दिया। इसके बाद वह नागपुर गया। वहां से पिता को लेकर अजमेर चला गया था।



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