LIC Foundation Day: ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी..’, वो टैगलाइन जो बन गई LIC की पहचान h3>
नई दिल्ली: देश की आजादी (Independence) को नौ साल गुजरे थे। इंश्योरेंस के बारे में तब कुछ लोगों को ही पता था। यह पूरा सेक्टर बिखरा हुआ था। सरकार ने तब एक क्रांतिकारी कदम उठाया था। संसद में ‘लाइफ इंश्योरेंस ऑफ इंडिया ऐक्ट’ पारित किया गया था। इसके बाद 245 बीमा कंपनियों और प्रोविडेंट सोसाइटियों का विलय करके भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC को बनाया गया था। इस तरह देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का जन्म हुआ। तारीख आज की ही थी। साल 1956 था। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ एलआईसी की स्थापना हुई थी। तब से इस कंपनी ने देश के लाखों लोगों को बीमा सेवाएं दी हैं। उसकी अहमियत से रूबरू कराया है। आज देश में कई बीमा कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें तगड़ी प्रतिस्पर्धा है। ग्राहकों के सामने बेशुमार बीमा प्रोडक्टों के विकल्प हैं। लेकिन, जो भरोसा एलआईसी ने कायम किया है, वह शायद ही अब तक कोई बना पाई है। इस पर सरकार का हाथ होना भी इसकी विश्वसनीयता का एक कारण है। अपनी टैगलाइन के अनुसार ही इसने देश में कारोबार किया। यही इसकी पहचान बन गई।
1956 में आज के दिन हुई थी स्थापना
भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना आजादी के नौ साल बाद 1956 में एक सितंबर के दिन हुई थी। इसके लिए संसद में कानून पारित किया गया था। इसने भारत में इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Insurance Industry) को नेशनलाइज (Nationalise) कर दिया था। एलआईसी के करीब 30 करोड़ पॉलिसीधारक हैं। इस कंपनी में सरकार की 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) जैसे प्रोडक्टों की बिक्री करती है। इसके 4,254,058 करोड़ रुपये के एसेट हैं। 2020 तक कंपनी में 1,14,000 कर्मचारी थे।
आजादी के पहले से मौजूद हैं बीमा कंपनियां
अगर आपको लगता है कि एलआईसी देश की पहली बीमा कंपनी (First Insurance Company of India) है तो आप गलत सोच रहे हैं। भारत में इंश्योरेंस करने वाली पहली कंपनी का नाम था ओरियंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Oriental Life Insurance)। इसकी नींव 1818 में कोलकाता में रखी गई थी। मुख्य रूप से यह भारत में रहने वाले यूरोपीय लोगों को इंश्योरेंस ऑफर करती थी। इसके उलट भारतीयों से भारी-भारकम प्रीमियम वसूला जाता था। इसके मुकाबले में सुरेंद्रनाथ टैगोर ने हिंदुस्तान इंश्योरेंस सोसाइटी की स्थापना की। यही बाद में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन बनी। आजादी से पहले कई बीमा कंपनियां अस्तित्व में थी। इनमें भारत इंश्योरेंस कंपनी, बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी, भारत इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया, नेशनल इंडियन, नेशनल इंश्योरेंस शामिल थीं।
1955 में फिरोज गांधी ने संसद में इंश्योरेंस में फ्रॉड का मसला उठाया था। इसके बाद ही संसद में इंश्योरेंस ऐक्ट बनाकर एलआईसी का गठन किया गया था। इसके बाद एलआईसी भारत की प्रमुख और सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी बन गई।
मई में शेयर बाजार पर लिस्ट हुई थी LIC
इसके शानदार प्रदर्शन के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के केंद्रीय बजट में इसका आईपीओ (LIC IPO) लाने का प्रस्ताव पेश किया था। 2022 में मई को LIC का आईपीओ आया था। 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए थे। सरकार ने इस इश्यू के जरिये एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करने का फैसला किया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ था। 17 मई को इसने शेयर बाजार में दस्तक दी थी। आईपीओ में शेयर की कीमत 902-949 रुपये रखी गई थी। हालांकि, लिस्टिंग वाले दिन से ही इसने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है।
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1956 में आज के दिन हुई थी स्थापना
भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना आजादी के नौ साल बाद 1956 में एक सितंबर के दिन हुई थी। इसके लिए संसद में कानून पारित किया गया था। इसने भारत में इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Insurance Industry) को नेशनलाइज (Nationalise) कर दिया था। एलआईसी के करीब 30 करोड़ पॉलिसीधारक हैं। इस कंपनी में सरकार की 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। यह लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) जैसे प्रोडक्टों की बिक्री करती है। इसके 4,254,058 करोड़ रुपये के एसेट हैं। 2020 तक कंपनी में 1,14,000 कर्मचारी थे।
आजादी के पहले से मौजूद हैं बीमा कंपनियां
अगर आपको लगता है कि एलआईसी देश की पहली बीमा कंपनी (First Insurance Company of India) है तो आप गलत सोच रहे हैं। भारत में इंश्योरेंस करने वाली पहली कंपनी का नाम था ओरियंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Oriental Life Insurance)। इसकी नींव 1818 में कोलकाता में रखी गई थी। मुख्य रूप से यह भारत में रहने वाले यूरोपीय लोगों को इंश्योरेंस ऑफर करती थी। इसके उलट भारतीयों से भारी-भारकम प्रीमियम वसूला जाता था। इसके मुकाबले में सुरेंद्रनाथ टैगोर ने हिंदुस्तान इंश्योरेंस सोसाइटी की स्थापना की। यही बाद में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन बनी। आजादी से पहले कई बीमा कंपनियां अस्तित्व में थी। इनमें भारत इंश्योरेंस कंपनी, बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी, भारत इंश्योरेंस कंपनी, यूनाइटेड इंडिया, नेशनल इंडियन, नेशनल इंश्योरेंस शामिल थीं।
1955 में फिरोज गांधी ने संसद में इंश्योरेंस में फ्रॉड का मसला उठाया था। इसके बाद ही संसद में इंश्योरेंस ऐक्ट बनाकर एलआईसी का गठन किया गया था। इसके बाद एलआईसी भारत की प्रमुख और सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी बन गई।
मई में शेयर बाजार पर लिस्ट हुई थी LIC
इसके शानदार प्रदर्शन के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के केंद्रीय बजट में इसका आईपीओ (LIC IPO) लाने का प्रस्ताव पेश किया था। 2022 में मई को LIC का आईपीओ आया था। 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए थे। सरकार ने इस इश्यू के जरिये एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करने का फैसला किया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ था। 17 मई को इसने शेयर बाजार में दस्तक दी थी। आईपीओ में शेयर की कीमत 902-949 रुपये रखी गई थी। हालांकि, लिस्टिंग वाले दिन से ही इसने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है।
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