MP गजब है… इस कॉलेज में स्टूडेंट ही शिक्षक और शिक्षक ही स्टूडेंट | MP is amazing… student is the teacher and the teacher is the student | Patrika News

65
MP गजब है… इस कॉलेज में स्टूडेंट ही शिक्षक और शिक्षक ही स्टूडेंट | MP is amazing… student is the teacher and the teacher is the student | Patrika News

MP गजब है… इस कॉलेज में स्टूडेंट ही शिक्षक और शिक्षक ही स्टूडेंट | MP is amazing… student is the teacher and the teacher is the student | Patrika News

नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा : एमयू के रजिस्ट्रार की भूमिका पर सवाल
मेयो कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने अपने ही दस छात्रों को बना दिया शिक्षक

एमएससी के इन स्टूडेंट्स को बताया शिक्षक
दिव्या शर्मा, ज्योति चौहरिया, कंचन राजपूत, लोकेश्वरी कटरे, फरहा जहां, दुष्यंत लोढ़ा, संध्या कुमारी, मोनिका कावछे, केबी शर्मा, रुचि उरमलिया।

एमयू की भूमिका पर भी सवाल
नर्सिंग काउंसिल के साथ ही इस फर्जीवाड़े में मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। नियमानुसार प्रदेश का कोई भी नर्सिंग कॉलेज संसाधन, फैकल्टी, बिल्डिंग अस्पताल दिखाकर आवेदन करता है। पहले नर्सिंग काउंसिल से अनुमति लेता है। उसके बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर को सम्बद्धता के लिए आवेदन करता है। यूनिवर्सिटी सम्बंधित कॉलेज की बिल्डिंग, फैकल्टी का निरीक्षण कराकर संतुष्ट होने पर ही सम्बद्धता देती है। भोपाल के मेयो कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग को एमयू की कार्य परिषद ने 26 जुलाई 2022 को सम्बद्धता दी। जबकि, कॉलेज के आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि मेयो कॉलेज ने वर्ष 2020-21 में जिन शिक्षकों को अपने यहां कार्यरत दिखाया है, उनमें से दस उसी कॉलेज के उसी सत्र में एमएससी में अध्ययनरत छात्र हैं।

रजिस्ट्रार के पास प्रभार
एमयू की सम्बद्धता शाखा को मलाईदार माना जाता है। एमयू कुलसचिव (रजिस्ट्रार) डॉ. प्रभात बुधौलिया ने इसकी जिम्मेदारी अपने पास रखी है। सम्बद्धता जारी करने के पहले निरीक्षण करने वाली कमेटी का निर्धारण भी वे ही करते हैं। इसके बावजूद अपात्र संस्थाओं को जारी होने वाली सम्बद्धताओं के चलते रजिस्ट्रार की भूमिका पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

medical university
IMAGE CREDIT: patrika

बनाई थी स्पेशल कमेटी
लोकल इंस्पेक्शन कमेटी की रिपोर्ट के बाद अतिरिक्त सावधानी बरतने के नाम पर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स एवं नर्सिंग कॉलेज की सीनियर नर्सेस स्टाफ की स्क्रूटनी कमेटी बनाई गई थी। सूत्र बताते हैं कि उक्त कमेटी ने मात्र औपचारिकता कर सतही पड़ताल की। समस्त कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट में सामान्य कमियां निकाल कर कई को कमोबेश एक जैसा कमी-पत्र जारी किया गया। बाद में ये छोटी-मोटी कमियां पूरी कराकर सम्बद्धता जारी कर दी गई।

एमयू को भी बनाएंगे पक्षकार
हमने मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी से अपात्र कॉलेजों को सम्बद्धता दिए जाने का विषय उच्च न्यायालय में लम्बित जनहित याचिका में उठाया है। इस मामले में यूनिवर्सिटी को भी प्रतिवादी पक्षकार बनाने का आवेदन कोर्ट में पेश किया है।

– एड. विशाल बघेल, अध्यक्ष, लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मप्र

त्रुटि हुई तो सुधारने का प्रयास करेंगे
नर्सिंग कॉलेजों का पहले इंस्पेक्शन कमेटी ने निरीक्षण किया। फिर स्क्रूटनी कमेटी से निरीक्षण कराया गया। रिपोर्ट कार्य परिषद के समक्ष रखी गईं। परिषद की स्वीकृति के बाद ही सम्बद्धता आदेश जारी किए। इसके बाद भी कोई त्रुटि हो गई है, तो इसे सुधारने का प्रयास करेंगे।
– प्रभात बुधौलिया, रजिस्ट्रार, मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News