सीबीडीटी ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों को बाहर धन भेजने, यात्रा पैकेज के लिये टीसीएस से छूट दी

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सीबीडीटी ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों को बाहर धन भेजने, यात्रा पैकेज के लिये टीसीएस से छूट दी

सीबीडीटी ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों को बाहर धन भेजने, यात्रा पैकेज के लिये टीसीएस से छूट दी

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भाषा | Updated: Aug 18, 2022, 8:57 PM

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) आयकर विभाग ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों और कंपनियों को विदेशों में धन भेजने और यात्रा पैकेज पर पांच प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) से छूट दी है। यह छूट उन्हें मिली है, जिनके देश में स्थायी प्रतिष्ठान या कामकाज के लिये स्थायी जगह नहीं है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है और छूट का दायरा बढ़ाया है। आयकर कानून की धारा 206 (1जी) के तहत पहले यह छूट केवल प्रवासी व्यक्तियों को ही थी। वित्त अधिनियम, 2022 में धारा 206 (1जी) को पेश किया गया था।

 

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) आयकर विभाग ने प्रवासी कॉरपोरेट इकाइयों और कंपनियों को विदेशों में धन भेजने और यात्रा पैकेज पर पांच प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) से छूट दी है। यह छूट उन्हें मिली है, जिनके देश में स्थायी प्रतिष्ठान या कामकाज के लिये स्थायी जगह नहीं है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर नियमों में बदलाव को अधिसूचित किया है और छूट का दायरा बढ़ाया है। आयकर कानून की धारा 206 (1जी) के तहत पहले यह छूट केवल प्रवासी व्यक्तियों को ही थी।

वित्त अधिनियम, 2022 में धारा 206 (1जी) को पेश किया गया था। यह अक्टूबर, 2020 में अमल में आया। इसका मकसद भारत में रहने वाले व्यक्तियों (पर्सन रेसिडेंट इन इंडिया) के विदेशी मुद्रा खर्च पर नजर रखना था। प्रावधान के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदारीकृत धन प्रेषण योजना के तहत सात लाख रुपये या उससे अधिक रकम दूसरे देश भेजने पर पांच प्रतिशत की दर से टीसीएस लगाने का प्रस्ताव किया गया था।

भारत आने वाले प्रवासी भारतीयों से प्राप्त धन और देश से अपने विदेशी यात्रा पैकेज की बुकिंग पर घरेलू टूर ऑपरेटरों को उस पर टीसीएस काटना होता थी।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के निदेशक (कॉरपोरेट और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि धारा 206 (1जी) के तहत छूट का दायरा बढ़ाया गया है। पहले यह केवल प्रवासी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध था। अब सीबीडीटी ने उन कॉरपोरेट इकाइयों, फर्म, सीमिति जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) आदि को भी टीसीएस बाध्यता से छूट दी है, जो निवासी नहीं है और जिनका देश में स्थायी प्रतिष्ठान या कामकाज के लिये स्थायी जगह नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे प्रवासियों के ऊपर अनुपालन बोझ कम होगा और उनका भारतीय कर कानून में भरोसा बढ़ेगा…।’’

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